Go To Mantra

समी॑ व॒त्सं न मा॒तृभि॑: सृ॒जता॑ गय॒साध॑नम् । दे॒वा॒व्यं१॒॑ मद॑म॒भि द्विश॑वसम् ॥

English Transliteration

sam ī vatsaṁ na mātṛbhiḥ sṛjatā gayasādhanam | devāvyam madam abhi dviśavasam ||

Pad Path

सम् । ई॒म् इति॑ । व॒त्सम् । न । मा॒तृऽभिः॑ । सृ॒जत॑ । ग॒य॒ऽसाध॑नम् । दे॒व॒ऽअ॒व्य॑म् । मद॑म् । अ॒भि । द्विऽश॑वसम् ॥ ९.१०४.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:104» Mantra:2 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:7» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:2


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (गयसाधनम्) ज्ञान का साधन जो परमात्मा है, (देवाव्यम्) देवों का रक्षक (मदम्) जो आनन्दस्वरूप है, (द्विशवसम्) जो बलिष्ठ है, (वत्सं, न) जो सर्वाभिव्यक्त शक्ति के समान है, (ईम्) इसको (मातृभिः, संसृजत) विद्वान् लोग बुद्धिवृत्ति द्वारा साक्षात्कार करते हैं ॥२॥
Connotation: - परमात्मा दैवीसम्पत्तिवाले पुरुषों को अपनी दिव्य शक्तियों से विभूषित करता है और जो लोग अनाचारी आसुरी भाव से सम्पन्न हैं, उनको परमात्मज्ञान की ज्योति से देवपुरुषों के समान लाभ नहीं होता। तात्पर्य्य यह है कि दिव्यपुरुषों में परमात्मा की ज्योति प्रतिबिम्बित होती है और तमरूप भावों से दूषित पुरुषों में नहीं ॥२॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (गयसाधनम्) ज्ञानसाधनं (देवाव्यम्) देवरक्षकम् (मदम्) आनन्दमयं (द्विशवसम्) महाबलिनं(वत्सं, न)सर्वाभिव्यक्तशक्तिमिव स्थितं  (ईम्) इमं  परमात्मानं  (मातृभिः,  संसृजत)  विद्वांसः  बुद्धिवृत्तिभिः  साक्षात्कुर्वन्ति ॥२॥