अ॒भि प्रि॒या दि॒वस्प॒दम॑ध्व॒र्युभि॒र्गुहा॑ हि॒तम् । सूर॑: पश्यति॒ चक्ष॑सा ॥
English Transliteration
abhi priyā divas padam adhvaryubhir guhā hitam | sūraḥ paśyati cakṣasā ||
Pad Path
अ॒भि । प्रि॒या । दि॒वः । प॒दम् । अ॒ध्व॒र्युऽभिः॑ । गुहा॑ । हि॒तम् । सूरः॑ । प॒श्य॒ति॒ । चक्ष॑सा ॥ ९.१०.९
Rigveda » Mandal:9» Sukta:10» Mantra:9
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:35» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:9
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सूरः) “सरति ज्ञानद्वारेण सर्वत्र प्राप्नोतीति सूरो विद्वान्” विद्वान् (अभि, प्रिया) जो सब का प्यारा है, वह (अध्वर्युभिः) अध्वर्यु आदि ऋत्विजों से जो (गुहा, हितम्) यज्ञरूपी गुहा में निहित है और (दिवस्पदम्) जो द्युलोक का भी आधिकरणरूपी पद है, उसको (चक्षसा) ज्ञानदृष्टि से (पश्यति) देखता है ॥९॥
Connotation: - जो इस संसाररूपी गुहा में स्थिर सूक्ष्म से अति सूक्ष्म परमात्मा है और जो भ्वादि लोकों का एकमात्र अधिकरण है, उस को आत्मज्ञानी विद्वान् ही जान सकते हैं, अन्य नहीं ॥९॥३५॥ यह दशवाँ सूक्त और पैतीसवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सूरः) विद्वान् (अभि, प्रिया) सर्वेषाम्प्रियः (अध्वर्युभिः) अध्वर्य्वादिऋत्विग्भिः यत् (गुहा, हितम्) यज्ञात्मकगुहायां निहितमस्ति तथा च (दिवस्पदम्) द्युलोकस्यापि आश्रयरूपेण पदमस्ति तत् (चक्षसा) ज्ञानदृष्ट्या (पश्यति) अवलोकते ॥९॥ इति दशमं सूक्तं पञ्चत्रिंशत्तमो वर्गश्च समाप्तः ॥