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प्र द्यु॒म्नाय॒ प्र शव॑से॒ प्र नृ॒षाह्या॑य॒ शर्म॑णे । प्र दक्षा॑य प्रचेतसा ॥

English Transliteration

pra dyumnāya pra śavase pra nṛṣāhyāya śarmaṇe | pra dakṣāya pracetasā ||

Pad Path

प्र । द्यु॒म्नाय॑ । प्र । शव॑से । प्र । नृ॒ऽसह्या॑य । शर्म॑णे । प्र । दक्षा॑य । प्र॒ऽचे॒त॒सा॒ ॥ ८.९.२०

Rigveda » Mandal:8» Sukta:9» Mantra:20 | Ashtak:5» Adhyay:8» Varga:33» Mantra:5 | Mandal:8» Anuvak:2» Mantra:20


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SHIV SHANKAR SHARMA

प्रातःकालिक विधि कहते हैं।

Word-Meaning: - (प्रचेतसा) प्रकृष्टमनस्क उदारचित्त राजा और अमात्यवर्ग हमारे (द्युम्नाय) गवादि समस्त धन को (प्र) अच्छे प्रकार बचावें (शवसे) हमारे बल को (प्र) अच्छे प्रकार बचावें। (नृषाह्याय) मनुष्ययोग्य (शर्मणे) कल्याण की (प्र) अच्छे प्रकार रक्षा करें (दक्षाय) हमारी वृद्धि की भी (प्र) अच्छे प्रकार रक्षा करें ॥२०॥
Connotation: - राजा स्वसैन्यों से प्रजाओं के समस्त धनों की रक्षा करे ॥२०॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (प्रचेतसा) हे प्रकृष्ट ज्ञानवाले ! (द्युम्नाय) उत्तम अन्न के लिये (प्र) सुरक्षा करें (शवसे) बलार्थ (प्र) सुरक्षा करें (नृषाह्याय, शर्मणे) मनुष्यों के अनुकूल सुख के लिये (प्र) सुरक्षा करें (दक्षाय) चातुर्य शिक्षा के अर्थ (प्र) सुरक्षित करें ॥२०॥
Connotation: - इस मन्त्र में अभ्युदय तथा निःश्रेयस सिद्धि की प्रार्थना की गई है अर्थात् ज्ञानवृद्ध पुरुषों से ज्ञानलाभ करके अभ्युदय और निःश्रेयस की वृद्धि करनी चाहिये ॥२०॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

प्रातर्विधिमाह।

Word-Meaning: - प्रचेतसा=प्रचेतसौ=प्रकृष्टमनसौ=उदारमनस्कौ राजानौ ! द्युम्नाय=‘अत्र द्युम्नायेत्यादौ क्रियाग्रहणं कर्तव्यमिति कर्मणः सम्प्रदानत्वाच्चतुर्थी’ अस्माकं द्युम्नं गवादिसमस्तधनम्। प्ररक्षतमिति शेषः। शवसे=शवो बलं प्ररक्षतम्। नृषाह्याय=नृभिः सोढव्याय। शर्मणे=शर्म कल्याणम्। प्ररक्षतम्। पुनः। दक्षाय=दक्षं वृद्धिञ्च प्ररक्षतमिति प्रार्थये ॥२०॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (प्रचेतसा) हे प्रकृष्टज्ञानवन्तौ ! (द्युम्नाय) अन्नाय (प्र) प्ररक्षतम् (शवसे) बलाय (प्र) प्ररक्षतम् (नृषाह्याय, शर्मणे) नृभिः सोढव्याय सुखाय (प्र) प्ररक्षतम् (दक्षाय) चातुर्याय (प्र) प्ररक्षतम् ॥२०॥