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उदु॒ त्ये अ॑रु॒णप्स॑वश्चि॒त्रा यामे॑भिरीरते । वा॒श्रा अधि॒ ष्णुना॑ दि॒वः ॥

English Transliteration

ud u tye aruṇapsavaś citrā yāmebhir īrate | vāśrā adhi ṣṇunā divaḥ ||

Pad Path

उत् । ऊँ॒ इति॑ । त्ये । अ॒रु॒णऽप्स॑वः । चि॒त्राः । यामे॑भिः । ई॒र॒ते॒ । वा॒श्राः । अधि॑ । स्नुना॑ । दि॒वः ॥ ८.७.७

Rigveda » Mandal:8» Sukta:7» Mantra:7 | Ashtak:5» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:2 | Mandal:8» Anuvak:2» Mantra:7


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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनः प्राणायाम का वर्णन करते हैं।

Word-Meaning: - (त्ये) जो वे प्राण (अरुणप्सवः) प्राणायाम के वारंवार अभ्यास से रक्तवर्ण (चित्राः) आश्चर्यभूत और (वाश्राः) शब्दकारी होते हैं। वे ही (स्नुना) शिखर अर्थात् शरीर के आरोहरूप सीढ़ी से (दिवः+अधि) शिर के ऊपर (उदीरते) चढ़ते हैं ॥७॥
Connotation: - इसका आशय यह है कि प्राणायामकाल में शरीर के भीतर अनेक प्रकार के शब्द होते हैं और वे प्राण धीरे-२ शिर पर चढ़ते हैं। भौतिकार्थ में भी इन मन्त्रों को लगाना चाहिये ॥७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (त्ये) वह पूर्वोक्त (अरुणप्सवः) अरुण वर्णवाले (चित्राः) आश्चर्यरूप (वाश्राः) शब्दायमान योद्धा लोग (यामेभिः) यानों द्वारा (दिवः, अधि) अन्तरिक्ष में (ष्णुना) ऊपर के भाग से (उदीरते, उ) चलते हैं ॥७॥
Connotation: - इस मन्त्र में क्षात्रधर्मप्रधान योद्धाओं के रक्तवर्ण का वर्णन किया है कि वे देदीप्यमान सुन्दर वर्णवाले योद्धा लोग यानों द्वारा अन्तरिक्ष में विचरते हैं ॥७॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनः प्राणायामं दर्शयति।

Word-Meaning: - त्ये=ते। अरुणप्सवः=प्राणायामाभ्यासाद् अरुणवर्णरूपाः। चित्राः=चायनीया आश्चर्य्यभूताः। पुनः। वाश्राः= शब्दकारिणः। एवंभूता मरुतः। यामेभिः=यामैः=प्राणायामैः। दिवः+अधि=शिरसः+अधि=शिरस उपरि। स्नुना= सानुना=श्रेणीभूतेन शरीरपर्वणा। उदीरते=ऊर्ध्वं गच्छन्ति ॥७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (त्ये) ते (अरुणप्सवः) अरुणवर्णाः (चित्राः) आश्चर्य्यभूताः (वाश्राः) शब्दायमानाः (यामेभिः) यानैः (दिवः, अधि) अन्तरिक्षमध्ये (ष्णुना) उपरिष्टात् भागेन (उदीरते, उ) उद्गच्छन्ति ॥७॥