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इ॒दं ते॑ सो॒म्यं मध्वधु॑क्ष॒न्नद्रि॑भि॒र्नर॑: । जु॒षा॒ण इ॑न्द्र॒ तत्पि॑ब ॥

English Transliteration

idaṁ te somyam madhv adhukṣann adribhir naraḥ | juṣāṇa indra tat piba ||

Pad Path

इ॒दम् । ते॒ । सो॒म्यम् । मधु॑ । अधु॑क्षन् । अद्रि॑ऽभिः । नरः॑ । जु॒षा॒णः । इ॒न्द्र॒ । तत् । पि॒ब॒ ॥ ८.६५.८

Rigveda » Mandal:8» Sukta:65» Mantra:8 | Ashtak:6» Adhyay:4» Varga:47» Mantra:2 | Mandal:8» Anuvak:7» Mantra:8


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SHIV SHANKAR SHARMA

Word-Meaning: - (इन्द्र) हे इन्द्र भगवन् ! तू (गृणीषे) सबसे गीयमान होता है अर्थात् तेरी कीर्ति को सब ही गाते बजाते हैं, (उ) निश्चय करके (महान्) तुझको महान् (उग्रः) न्यायदृष्टि से भयंकर और (ईशानकृत्) ऐश्वर्य्ययुत धनदाता मान कर (स्तुषे) स्तुति करते हैं, वह तू (नः+एहि) हमारे निकट आ और (सुतम्+पिब) इस सृष्टि संसार को उपद्रवों से बचा ॥५॥
Connotation: - ईश्वर सबसे महान् है और वही धन का भी स्वामी है और उग्र भी है, क्योंकि उसके निकट पापी नहीं ठहर सकते, अतः उसकी स्तुति प्रार्थना अवश्य करनी चाहिये ॥५॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

Word-Meaning: - हे इन्द्र ! त्वं सर्वैः। गृणीषे=ग्रियसे गीयसे। उ=निश्चयेन। त्वं स्तुषे=स्तूयसे। त्वं महान्। उग्रः। ईशानकृत्=ऐश्वर्य्यकृदसि। नोऽस्मानेहि। सुतं सृष्टं जगत्। पिब=रक्ष ॥५॥