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मा त्वा॑ मू॒रा अ॑वि॒ष्यवो॒ मोप॒हस्वा॑न॒ आ द॑भन् । माकीं॑ ब्रह्म॒द्विषो॑ वनः ॥

English Transliteration

mā tvā mūrā aviṣyavo mopahasvāna ā dabhan | mākīm brahmadviṣo vanaḥ ||

Pad Path

मा । त्वा॒ । मू॒राः । अ॒वि॒ष्यवः॑ । मा । उ॒प॒ऽहस्वा॑नः । आ । द॒भ॒न् । माकी॑म् । ब्र॒ह्म॒ऽद्विषः॑ । व॒नः॒ ॥ ८.४५.२३

Rigveda » Mandal:8» Sukta:45» Mantra:23 | Ashtak:6» Adhyay:3» Varga:46» Mantra:3 | Mandal:8» Anuvak:6» Mantra:23


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SHIV SHANKAR SHARMA

Word-Meaning: - (शवसः+पते) हे बलाधिदेव इन्द्र ! (न) जैसे (जिव्रयः) जीर्ण वृद्ध पुरुष (रम्भम्) दण्ड को अपना अवलम्बन बनाते हैं, तद्वत् हम (त्वाम्) आपको (आ+ररम्भ) अपना अवलम्बन और आश्रय बनाते हैं (आ) और सदा (त्वाम्) आपको (सधस्थे) यज्ञस्थान में (उश्मसि) चाहते हैं ॥२०॥
Connotation: - हे मनुष्यों ! ईश्वर को अपना आश्रय बनाओ। उस पर विश्वास करो। प्रत्येक शुभकर्म में उसकी उपासना करो ॥२०॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

Word-Meaning: - हे शवसस्पते ! हे बलस्याधिपते इन्द्र ! रम्भं न जिव्रयः=यथा जिव्रयो जीर्णा वृद्धा मनुष्या रम्भम्=दण्डमालम्बन्ते। तथैव वयमपि। त्वा=त्वामेव। आ ररम्भ=आरभामहे। अपि च त्वा=त्वाम्। सधस्थे=यज्ञस्थाने उश्मसि=कामयामहे ॥२०॥