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तावि॒दा चि॒दहा॑नां॒ ताव॒श्विना॒ वन्द॑मान॒ उप॑ ब्रुवे । ता उ॒ नमो॑भिरीमहे ॥

English Transliteration

tāv idā cid ahānāṁ tāv aśvinā vandamāna upa bruve | tā u namobhir īmahe ||

Pad Path

तौ । इ॒दा । चि॒त् । अहा॑नाम् । तौ । अ॒श्विना॑ । वन्द॑मानः । उप॑ । ब्रु॒वे॒ । तौ । ऊँ॒ इति॑ । नमः॑ऽभिः । ई॒म॒हे॒ ॥ ८.२२.१३

Rigveda » Mandal:8» Sukta:22» Mantra:13 | Ashtak:6» Adhyay:2» Varga:7» Mantra:3 | Mandal:8» Anuvak:4» Mantra:13


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SHIV SHANKAR SHARMA

राजवर्ग के प्रति प्रजा का कर्त्तव्य कहते हैं।

Word-Meaning: - (अहानाम्) दिनों के (इदाचित्) इसी समय प्रातःकाल ही मैं (तौ) उन ही (अश्विना) राजा तथा न्यायाधीशादि को (वन्दमानः) नमस्कार करता हुआ (उपब्रुवे) समीप में जाकर निवेदन करता हूँ और हम सब मिलकर (ता+ऊ) उनसे ही (नमोभिः) प्रार्थना द्वारा (ईमहे) याचना करते हैं ॥१३॥
Connotation: - राज्यसम्बन्धी जो त्रुटियाँ हों, उनसे राजा को परिचित करवाना चाहिये ॥१३॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (तौ) उन सेनापति न्यायाधीश को (अहानाम्, इदा, चित्) दिन के प्रारम्भ में (तौ, अश्विना) उन्हीं व्यापक गतिवालों को (वन्दमानः) अभिवादन करते हुए (उपब्रुवे) स्तुति करते हैं (तौ, उ) उन्हीं को (नमोभिः) हविर्भाग देकर (ईमहे) प्रार्थना करते हैं ॥१३॥
Connotation: - इस मन्त्र का भाव यह है कि उपर्युक्त गुणसम्पन्न न्यायाधीश तथा सेनाधीश अभिवादन करने योग्य तथा हविर्भाग भेंट करके प्रार्थना करने योग्य हैं, क्योंकि वे सब प्रकार से प्रजाओं के हितचिन्तक और प्रजाओं को सुखपूर्ण करने में सदा यत्नवान् रहते हैं, इसलिये वे सब प्रकार से पूजा=सत्कारयोग्य हैं ॥१३॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

राजवर्गं प्रति प्रजाकर्त्तव्यमाह।

Word-Meaning: - अहानाम्=दिवसानाम्। इदाचित्=इदानीमेव=प्रातःकाल एव। तौ=तावेव। अश्विना=अश्विनौ= अश्वयुक्तौ राजानौ। वन्दमानः=अभिवादनं कुर्वन्। उपब्रुवे=समीपं गत्वा कथयामि। वयं सर्वे। ता+ऊ=तावेव अश्विनौ। नमोभिर्नमस्कारैः। ईमहे=प्रार्थयामहे ॥१३॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (तौ) तौ सेनाधीशन्यायाधीशौ (अहानाम्, इदा, चित्) दिनानां प्रारम्भे एव (तौ, अश्विना) तौ हि व्यापकगतौ (वन्दमानः) अभिवादयमानः (उपब्रुवे) उपस्तौमि (तौ, उ) तौ हि (नमोभिः) हविर्दानैः (ईमहे) प्रार्थयामहे ॥१३॥