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अ॒स्मे इ॑न्द्रावरुणा वि॒श्ववा॑रं र॒यिं ध॑त्तं॒ वसु॑मन्तं पुरु॒क्षुम् । प्र य आ॑दि॒त्यो अनृ॑ता मि॒नात्यमि॑ता॒ शूरो॑ दयते॒ वसू॑नि ॥

English Transliteration

asme indrāvaruṇā viśvavāraṁ rayiṁ dhattaṁ vasumantam purukṣum | pra ya ādityo anṛtā mināty amitā śūro dayate vasūni ||

Pad Path

अ॒स्मे इति॑ । इ॒न्द्रा॒व॒रु॒णा॒ । वि॒श्वऽवा॑रम् । र॒यिम् । ध॒त्त॒म् । वसु॑ऽमन्तम् । पु॒रु॒ऽक्षुम् । प्र । यः । आ॒दि॒त्यः । अनृ॑ता । मि॒नाति॑ । अमि॑ता । शूरः॑ । द॒य॒ते॒ । वसू॑नि ॥ ७.८४.४

Rigveda » Mandal:7» Sukta:84» Mantra:4 | Ashtak:5» Adhyay:6» Varga:6» Mantra:4 | Mandal:7» Anuvak:5» Mantra:4


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्द्रावरुणा) इन्द्र=परमैश्वर्य्ययुक्त तथा वरुण=सब का उपास्यदेव परमात्मा (विश्ववारं) सबको रुचिकर (वसुमन्तं) सब प्रकार के धनों से युक्त (रयिं, धत्तं) सम्पूर्ण ऐश्वर्य्य को धारण करनेवाला (पुरुक्षुं) नाना प्रकार के अन्नों से युक्त और (यः) जो (प्र) भले प्रकार (आदित्यः) अज्ञान का नाश करनेवाला है, वह (अनृता, मिनाति) असत्यवादियों को दण्ड देता और (शूरः) शूरवीरों को (आमिता, वसूनि, दयते) यथेष्ट धन देता है, (अस्मे) कृपा करके हमें भी ऐश्वर्य्ययुक्त करें ॥४॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करते हैं कि हे मनुष्यों ! तुम सब प्रकार के ऐश्वर्य्य तथा धन की याचना उसी परमात्मा से करो, क्योंकि वही परमैश्वर्य्ययुक्त, नानाप्रकार के अन्नरूप धनों का स्वामी और वही सब संसार को यथाभाग देनेवाला है। वह अनृतवादियों को दण्ड देता और धर्मात्मा शूरवीरों को यथेष्ट धन का स्वामी बनाता है, इसलिए उचित है कि सब प्रजाजन सत्यपरायण होकर परमात्मा से ही धन की प्रार्थना करें ॥४॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्द्रावरुणा) इन्द्रः परमैश्वर्यसम्पन्नः तथा वरुणः सर्वेषामुपास्यः   परमात्मा (विश्ववारम्) जगत्सम्भजनीयः (वसुमन्तम्) विविधरत्नसम्पन्नं (रयिम्, धत्तम्) सकलसम्पदं दधानः (पुरुक्षुम्) बहुविधान्नयुक्तः तथा (यः) यः (प्र) सम्यक् (आदित्यः) अज्ञानध्वंसकश्चास्ति सः (अनृता, मिनाति) असत्यवादिनो दण्डयति, तथा (शूरः) शूरान् (अमिता, वसूनि, दयते) अपरिमितधनवतः करोति (अस्मे) सद्यमस्मानापि तथाविधसम्पत्तिसमृद्धान् करोतु ॥४॥