प्रति॑ वां॒ सूर॒ उदि॑ते मि॒त्रं गृ॑णीषे॒ वरु॑णम् । अ॒र्य॒मणं॑ रि॒शाद॑सम् ॥
English Transliteration
prati vāṁ sūra udite mitraṁ gṛṇīṣe varuṇam | aryamaṇaṁ riśādasam ||
Pad Path
प्रति॑ । वा॒म् । सूरे॑ । उत्ऽइ॑ते । मि॒त्रम् । गृ॒णी॒षे॒ । वरु॑णम् । अ॒र्य॒मण॑म् । रि॒शाद॑सम् ॥ ७.६६.७
Rigveda » Mandal:7» Sukta:66» Mantra:7
| Ashtak:5» Adhyay:5» Varga:9» Mantra:2
| Mandal:7» Anuvak:4» Mantra:7
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (वां) हे राजा तथा प्रजाजनों ! तुममें से (सूरे, उदिते) सूर्योदयकाल में (प्रति) प्रत्येक मनुष्य (मित्रं) सर्वप्रिय (वरुणं) सब के उपासनीय परमात्मा की (गृणीषे) उपासना करे, जो (अर्यमणं) न्यायकारी और (रिशादसं) अज्ञान का नाशक है ॥७॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करते हैं कि हे राजा तथा प्रजा के लोगो ! तुम्हारा सबका यह कर्त्तव्य है कि तुम प्रात:काल उठकर पूजनीय परमात्मा की उपासना करो, जो किसी का पक्षपात नहीं करता और वह स्वकर्मानुसार सबको शुभाशुभ फल देता है। ऐसे न्यायाधीश को लक्ष्य रखकर उपासना करने से मनुष्य स्वयं भी न्यायकारी और धर्मात्मा बन जाता है ॥७॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे राजानः (सूरे, उदिते) सूर्योदयसमये (प्रति) प्रत्येकमनुष्येण (वां) शक्तिद्वयसंयुक्तं ब्रह्मोपासनीयम्। कीदृशं तद्ब्रह्म (मित्रम्) सर्वप्रियं (वरुणम्) वरीतुं योग्यं वरेण्यमित्यर्थः (अर्यमणं) न्यायकारिणम् (रिशादसं) अज्ञानस्य हन्तारं तदेव ब्रह्म (गृणीषे) उपासका यूयं स्तुवीत इत्यर्थः ॥ प्रतिदिनं सूर उदिते न्यायादिगुणसम्पन्नं ब्रह्म उपासकैरुपासनीयमिति भावः ॥७॥