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उद्वां॑ पृ॒क्षासो॒ मधु॑मन्तो अस्थु॒रा सूर्यो॑ अरुहच्छु॒क्रमर्णः॑। यस्मा॑ आदि॒त्या अध्व॑नो॒ रद॑न्ति मि॒त्रो अ॑र्य॒मा वरु॑णः स॒जोषाः॑ ॥४॥

English Transliteration

ud vām pṛkṣāso madhumanto asthur ā sūryo aruhac chukram arṇaḥ | yasmā ādityā adhvano radanti mitro aryamā varuṇaḥ sajoṣāḥ ||

Pad Path

उत्। वा॒म्। पृ॒क्षासः॑। मधु॑ऽमन्तः। अ॒स्थुः॒। आ। सूर्यः॑। अ॒रु॒ह॒त्। शु॒क्रम्। अर्णः॑। यस्मै॑। आ॒दि॒त्याः। अध्व॑नः। रद॑न्ति। मि॒त्रः। अ॒र्य॒मा। वरु॑णः। स॒ऽजोषाः॑ ॥४॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:60» Mantra:4 | Ashtak:5» Adhyay:5» Varga:1» Mantra:4 | Mandal:7» Anuvak:4» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वानों को क्या करना चाहिये, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे अध्यापक और उपदेशक जनो ! (वाम्) आप दोनों के जो (पृक्षासः) सींचनेवाले (मधुमन्तः) मधुर आदि गुण विद्यमान जन में वे (उत्, अस्थुः) उठें और जो (सूर्यः) सूर्य्य लोक (शुक्रम्) शुद्ध (अर्णः) जल को (आ, अरुहत्) सब ओर से चढ़ाता और (यस्मै) जिसके लिये (आदित्याः) वर्ष के महीने (अध्वनः) मार्ग के मध्य में (रदन्ति) आक्रमण करते हैं (सजोषाः) तुल्य प्रीति से सेवा करने योग्य (मित्रः) प्राण (वरुणः) जल आदि (अर्यमा) बिजुली और मार्ग के मध्य में आक्रमण करते हैं, उन सब को आप लोग यथावत् जानो ॥४॥
Connotation: - हे विद्वानो ! अध्यापक और उपदेशक से विद्या को प्राप्त हुए आप लोग पृथिवी आदि की विद्या को जान कर धनवान् हूजिये ॥४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वद्भिः किं कर्तव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे अध्यापकोपदेशकौ ! वां ये पृक्षासो मधुमन्त उत्तस्थुः यः सूर्यः शुक्रमर्ण आरुहद्यस्मा आदित्या अध्वनो रदन्ति सजोषा मित्रो वरुणोऽर्यमा चाध्वनो रदन्ति तान् सर्वान् यूयं यथावद्विजानीत ॥४॥

Word-Meaning: - (उत्) (वाम्) (युवयोः) (पृक्षासः) सेचकाः (मधुमन्तः) मधुरादयो गुणा विद्यन्ते येषु ते (अस्थुः) उत्तिष्ठन्तु (आ) (सूर्यः) सूर्यलोकः (अरुहत्) रोहति (शुक्रम्) शुद्धम् (अर्णः) उदकम् (यस्मै) (आदित्याः) संवत्सरस्य मासाः (अध्वनः) मार्गस्य मध्ये (रदन्ति) विलिखन्ति (मित्रः) प्राणः (अर्यमा) विद्युत् (वरुणः) जलादिकम् (सजोषाः) समानप्रीत्या सेवनीयः ॥४॥
Connotation: - हे विद्वांसः ! अध्यापकोपदेशाभ्यां प्राप्तविद्या यूयं पृथिव्यादिपदार्थविद्यां विज्ञाय श्रीमन्तो भवत ॥४॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे विद्वानांनो ! अध्यापक व उपदेशकाकडून विद्या प्राप्त करून तुम्ही पृथ्वीसंबंधी विद्या जाणून धनवान व्हा. ॥ ४ ॥