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शं नो॑ भवन्तु वा॒जिनो॒ हवे॑षु दे॒वता॑ता मि॒तद्र॑वः स्व॒र्काः। ज॒म्भय॒न्तोऽहिं॒ वृकं॒ रक्षां॑सि॒ सने॑म्य॒स्मद्यु॑यव॒न्नमी॑वाः ॥७॥

English Transliteration

śaṁ no bhavantu vājino haveṣu devatātā mitadravaḥ svarkāḥ | jambhayanto hiṁ vṛkaṁ rakṣāṁsi sanemy asmad yuyavann amīvāḥ ||

Pad Path

शम्। नः॒। भ॒व॒न्तु॒। वा॒जिनः॑। हवे॑षु। दे॒वऽता॑ता। मि॒तऽद्र॑वः। सु॒ऽअ॒र्काः। ज॒म्भय॑न्तः। अहि॑म्। वृक॑म्। रक्षां॑सि। सऽने॑मि। अ॒स्मत्। यु॒य॒व॒न्। अमी॑वाः ॥७॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:38» Mantra:7 | Ashtak:5» Adhyay:4» Varga:5» Mantra:7 | Mandal:7» Anuvak:3» Mantra:7


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर कौन इस संसार में कल्याण करनेवाले होते हैं, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वानो ! (वाजिनः) वेगवान् घोड़ा वा ज्ञानवान् योद्धा पुरुष (मितद्रवः) जो प्रमाण भर जाते हैं (स्वर्काः) जिन का शुभ अन्नादि है (हवेषु) वे संग्रामों में (देवताता) वा विद्वानों के अनुष्ठान करने योग्य यज्ञ में (अहिम्) सर्प के समान वर्तमान (वृकम्) चोर को और (रक्षांसि) दुष्ट प्राणियों को (जम्भयन्तः) जम्भाई दिलाते हुए (नः) हम लोगों को (शम्) सुख के लिये (भवन्तु) होवें जिस से (अस्मत्) हम लोगों से (सनेमि) पुराने व्यवहार में (अमीवाः) रोग (युयवन्) अलग हों ॥७॥
Connotation: - जो दुष्ट आचारवाले प्राणी, रोग और शत्रुओं को निवार के सब के सुख करनेवाले होते हैं, वे ही जगत् पूज्य होते हैं ॥७॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः केऽत्र कल्याणकरा भवन्तीत्याह ॥

Anvay:

हे विद्वांसो ! वाजिनो मितद्रवः स्वर्का हवेषु देवताताहिमिव वृकं रक्षांसि च जम्भयन्तो नोऽस्माकं शं भवन्तु यतोऽस्मत् सनेम्यमीवा युयवन् ॥७॥

Word-Meaning: - (शम्) सुखाय (नः) अस्माकम् (भवन्तु) (वाजिनः) वेगवन्तोऽश्वाः ज्ञानवन्तो योद्धारो वा (हवेषु) संग्रामेषु (देवताता) विद्वद्भिरनुष्ठातव्ये यज्ञे (मितद्रवः) ये मितं द्रवन्ति गच्छन्ति ते (स्वर्काः) शोभनोऽर्कोऽन्नादिकमैश्वर्यं येषान्ते (जम्भयन्तः) विनामयन्तः (अहिम्) सर्पमिव वर्तमानम् (वृकम्) स्तेनम् (रक्षांसि) दुष्टान् प्राणिनः (सनेमि) पुरातने। सनेमीति पुराणनाम। (निघं०३.२७)। (अस्मत्) अस्माकं सकाशात् (युयवन्) वियुज्यन्ताम् (अमीवाः) रोगाः ॥७॥
Connotation: - ये दुष्टाचारान् प्राणिनो रोगान् शत्रूँश्च निवर्त्य सर्वेषां कल्याणकरा भवन्ति त एव जगत्पूज्यास्सन्ति ॥७॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे दुष्ट लोक, रोग, शत्रू यांचे निवारण करून सर्वांना सुख देतात ते जगात पूज्य ठरतात. ॥ ७ ॥