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शं नः॑ स॒त्यस्य॒ पत॑यो भवन्तु॒ शं नो॒ अर्व॑न्तः॒ शमु॑ सन्तु॒ गावः॑। शं न॑ ऋ॒भवः॑ सु॒कृतः॑ सु॒हस्ताः॒ शं नो॑ भवन्तु पि॒तरो॒ हवे॑षु ॥१२॥

English Transliteration

śaṁ naḥ satyasya patayo bhavantu śaṁ no arvantaḥ śam u santu gāvaḥ | śaṁ na ṛbhavaḥ sukṛtaḥ suhastāḥ śaṁ no bhavantu pitaro haveṣu ||

Pad Path

शम्। नः॒। स॒त्यस्य॑। पत॑यः। भ॒व॒न्तु॒। शम्। नः॒। अर्व॑न्तः। शम्। ऊँ॒ इति॑। स॒न्तु॒। गावः॑। शम्। नः॒। ऋ॒भवः॑। सु॒ऽकृतः॑। सु॒ऽहस्ताः॑। शम्। नः॒। भ॒व॒न्तु॒। पि॒तरः॑। हवे॑षु ॥१२॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:35» Mantra:12 | Ashtak:5» Adhyay:3» Varga:30» Mantra:2 | Mandal:7» Anuvak:3» Mantra:12


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मनुष्य किसकी इच्छा करें, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे जगदीश्वर वा विद्वान् ! जैसे (हवेषु) हवन आदि अच्छे कामों में (सत्यस्य) सत्यभाषण आदि व्यवहार के (पतयः) पति (नः) हम लोगों के लिये (शम्) सुखरूप (भवन्तु) होवें (अर्वन्तः) उत्तम घोड़े (नः) हमारे लिये (शम्) सुखरूप होवें (गावः) दूध देती हुई गौवें (नः) हम लोगों को (शम्) सुखरूप (उ) ही (सन्तु) हों (सुकृतः) धर्मात्मा (सुहस्ताः) सुन्दर अच्छे कामों में हाथ डालनेवाले (ऋभवः) बुद्धिमान् जन (नः) हम लोगों के लिये (शम्) सुखरूप हों (पितरः) पितृजन (नः) हम लोगों के लिये (शम्) सुखरूप (भवन्तु) होवें, वैसा विधान करो ॥१२॥
Connotation: - मनुष्यों को ऐसे शील की धारणा करनी चाहिये जिससे आप्त सज्जन प्रसन्न हों, जिनकी प्रीति से सब पशु और विद्वान् पितृजन प्रसन्न और सुख करनेवाले होवें ॥१२॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्याः किमिच्छेयुरित्याह ॥

Anvay:

हे जगदीश्वर विद्वन् वा ! यथा हवेषु सत्यस्य पतयो नः शं भवन्त्वर्वन्तो नः शं भवन्तु गावो नः शमु सन्तु सुकृतस्सुहस्ता ऋभवो नः शं सन्तु पितरो नः शं भवन्तु तथा विधेहि ॥१२॥

Word-Meaning: - (शम्) (नः) (सत्यस्य) सत्यभाषणादिव्यवहारस्य (पतयः) पालकाः (भवन्तु) (शम्) (नः) (अर्वन्तः) उत्तमा अश्वाः (शम्) (उ) (सन्तु) (गावः) धेनवः (शम्) (नः) (ऋभवः) मेधाविनः (सुकृतः) धर्मात्मानः (सुहस्ताः) शोभनेषु कर्मसु हस्ता येषां ते (शम्) (नः) (भवन्तु) (पितरः) (हवेषु) हवनादिसत्कर्मसु ॥१२॥
Connotation: - मनुष्यैरेवं शीलं वर्तव्यं येन आप्ताः प्रीताः स्युः येषां प्रीत्या सर्वे पशवो विद्वांसः पितरश्च प्रसन्नाः सुखकरा भवेयुः ॥१२॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - माणसांचे शील असे असावे की ज्यामुळे विद्वान सज्जन प्रसन्न व्हावेत. ज्यांच्या प्रेमामुळे सर्व पशू व विद्वान पितर प्रसन्न व सुख देणारे असावेत. ॥ १२ ॥