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अ॒भि वो॑ दे॒वीं धियं॑ दधिध्वं॒ प्र वो॑ देव॒त्रा वाचं॑ कृणुध्वम् ॥९॥

English Transliteration

abhi vo devīṁ dhiyaṁ dadhidhvam pra vo devatrā vācaṁ kṛṇudhvam ||

Pad Path

अ॒भि। वः॒। दे॒वीम्। धिय॑म्। द॒धि॒ध्व॒म्। प्र। वः॒। दे॒व॒ऽत्रा। वाच॑म्। कृ॒णु॒ध्व॒म् ॥९॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:34» Mantra:9 | Ashtak:5» Adhyay:3» Varga:25» Mantra:9 | Mandal:7» Anuvak:3» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

सब मनुष्यों को क्या इच्छा करनी चाहिये, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वानो ! जैसे (देवत्रा) विद्वानों में वर्त्तमान (देवीम्) दिव्य (धियम्) बुद्धि को तुम (अभि, दधिध्वम्) सब ओर से धारण करो उस (वः) आपकी बुद्धि को हम लोग भी धारण करें, विद्वानों में जिस (वाचम्) वाणी को तुम (प्र, कृणुध्वम्) प्रसिद्ध करो उस (वः) आपकी वाणी को हम लोग भी (प्र) प्रसिद्ध करें ॥९॥
Connotation: - मनुष्यों को चाहिये कि विद्वानों का अनुकरण कर बुद्धि, विद्या और वाणी को धारण करें ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

सर्वैर्मनुष्यैः किमेष्टव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे विद्वांसो ! यान् देवत्रावर्त्तमानां देवीं धियं यूयमभि दधिध्वं तां वो वयमपि दधीमहि। यान् देवत्रा वाचं यूयं प्र कृणुध्वं तां वो वयमपि प्र कुर्याम ॥९॥

Word-Meaning: - (अभि) आभिमुख्ये (वः) युष्माकम् (देवीम्) दिव्याम् (धियम्) प्रज्ञाम् (दधिध्वम्) (प्र) (वः) युष्माकम् (देवत्रा) विद्वत्सु (वाचम्) (कृणुध्वम्) ॥९॥
Connotation: - मनुष्यैर्विद्वदनुकरणेन प्रज्ञा विद्या वाक् च धर्त्तव्या ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - माणसांनी विद्वानांचे अनुकरण करून बुद्धी, विद्या व वाणी धारण करावी. ॥ ९ ॥