Go To Mantra

तं त्वा॑ म॒रुत्व॑ती॒ परि॒ भुव॒द्वाणी॑ स॒याव॑री। नक्ष॑माणा स॒ह द्युभिः॑ ॥८॥

English Transliteration

taṁ tvā marutvatī pari bhuvad vāṇī sayāvarī | nakṣamāṇā saha dyubhiḥ ||

Pad Path

तम्। त्वा॒। म॒रुत्व॑ती। परि॑। भुव॑त्। वाणी॑। स॒ऽयाव॑री। नक्ष॑माणा। स॒ह। द्युऽभिः॑ ॥८॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:31» Mantra:8 | Ashtak:5» Adhyay:3» Varga:16» Mantra:2 | Mandal:7» Anuvak:2» Mantra:8


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन प्रशंसा करने योग्य हो, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वान् ! जिन (त्वा) आपको (मरुत्वती) जिसमें प्रशंसायुक्त मनुष्य विद्यमान (सयावरी) जो साथ जाती (नक्षमाणा) और सब विद्याओं में व्याप्त होती हुई (वाणी) वाणी (द्युभिः) विज्ञानादि प्रकाशों के (सह) साथ (परि, भुवत्) सब ओर से प्रसिद्ध हो (तम्) उन आपको हम लोग सब ओर से भूषित करें ॥८॥
Connotation: - जिस विद्वान् राजा वा उपदेशक विद्वान् की सकलविद्यायुक्त वाणी उत्तम और कार्य करनेवाले उपदेश के योग्य हो, वही सब प्रशंसा को योग्य होता है ॥८॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

कः प्रशंसनीयः स्यादित्याह ॥

Anvay:

हे विद्वन् ! यं त्वा मरुत्वती सयावरी नक्षमाणा वाणी द्युभिः सह परिभुवत्तं त्वा वयं सर्वतो भूषयेम ॥८॥

Word-Meaning: - (तम्) (त्वा) त्वाम् (मरुत्वती) प्रशस्ता मरुतो मनुष्या विद्यन्ते यस्यां सा (परि) (भुवत्) भवेत् (वाणी) वाक् (सयावरी) या सहैव याति (नक्षमाणा) सर्वासु विद्यासु व्याप्नुवती (सह) (द्युभिः) विज्ञानादिप्रकाशैः ॥८॥
Connotation: - यस्य विदुषो राज्ञ उपदेशकस्य वा सकलविद्यायुक्ता वाणी उत्तमा कार्यकरा उपदेश्या वा स्यात् स एव सर्वा प्रशंसामर्हति ॥८॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - ज्या विद्वान राजा किंवा उपदेशक विद्वानाची संपूर्ण विद्यायुक्त वाणी उत्तम व उपदेशकाच्या योग्य असेल तर तो प्रशंसायोग्य असतो. ॥ ८ ॥