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उद्यस्य॑ ते॒ नव॑जातस्य॒ वृष्णोऽग्ने॒ चर॑न्त्य॒जरा॑ इधा॒नाः। अच्छा॒ द्याम॑रु॒षो धू॒म ए॑ति॒ सं दू॒तो अ॑ग्न॒ ईय॑से॒ हि दे॒वान् ॥३॥

English Transliteration

ud yasya te navajātasya vṛṣṇo gne caranty ajarā idhānāḥ | acchā dyām aruṣo dhūma eti saṁ dūto agna īyase hi devān ||

Pad Path

उत्। यस्य॑। ते॒। नव॑ऽजातस्य। वृष्णः॑। अग्ने॑। चर॑न्ति। अ॒जराः॑। इ॒धा॒नाः। अच्छ॑। द्याम्। अ॒रु॒षः। धू॒मः। ए॒ति॒। सम्। दू॒तः। अ॒ग्ने॒। ईय॑से। हि। दे॒वान् ॥३॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:3» Mantra:3 | Ashtak:5» Adhyay:2» Varga:3» Mantra:3 | Mandal:7» Anuvak:1» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वान् बिजुली से क्या सिद्ध करें, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (अग्ने) विद्युत् अग्नि के तुल्य गुप्त प्रतापवाले ! (यस्य) जिस (नवजातस्य) नवीन प्रकट हुए (वृष्णः) विद्या से बलवान् (ते) आप विद्वान् के निकटवर्ती जैसे (अग्ने) प्रसिद्ध अग्नि के तुल्य कार्यसाधक (इधानाः) प्रकाशमान जलते हुए (अजराः) खर्चरहित अग्नि (उत्, चरन्ति) ऊपर को उठते वा चलते हैं (अरुषः) गर्भस्थ पुरुष (द्याम्) प्रकाश को प्राप्त होकर जिसका (धूमः) धुआँ (अच्छा, एति) अच्छा जाता है जो (दूतः) दूत के तुल्य (देवान्) विद्वानों को प्राप्त होता, जब उसको (हि) ही आप (सम्, ईयसे) प्राप्त होते हो, तब कार्य करने को समर्थ होते हो ॥३॥
Connotation: - हे विद्वन् ! यदि आप विद्युत् की विद्या को जानें तो आप किस-किस कार्य को सिद्ध न कर सकें ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वान् विद्युता किं कुर्यादित्याह ॥

Anvay:

हे अग्ने ! यस्य नवजातस्य वृष्णस्ते यथाऽग्न इधाना अजरा अग्नय उच्चरन्त्यरुषो द्यां प्राप्य यस्य धूम अच्छैति यो दूत इव देवानीयते यदा तं हि त्वं समीयसे तदा कार्यं कर्त्तुं शक्नोषि ॥३॥

Word-Meaning: - (उत्) (यस्य) (ते) तव (नवजातस्य) नवीनविदुषः (वृष्णः) विद्यया बलिष्ठस्य (अग्ने) विद्युदिव गुप्तप्रतापिन् (चरन्ति) गच्छन्ति (अजराः) व्ययरहिताः (इधानाः) देदीप्यमानाः (अच्छा) अत्र संहितायामिति दीर्घः। (द्याम्) प्रकाशम् (अरुषः) गर्भस्थः (धूमः) (एति) गच्छति (सम्) सम्यक् (दूतः) दूत इव समाचारप्रदः (अग्ने) प्रसिद्धाग्निवत्कार्यसाधक (ईयसे) गच्छसि (हि) यतः (देवान्) विदुषः ॥३॥
Connotation: - हे विद्वन् ! यदि भवान् विद्युद्विद्यां विजानीयात्तर्हि किं किं कार्यं साद्धुं न शक्नुयात् ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे विद्वाना ! जर तू विद्युत विद्या जाणलीस तर कोणते कार्य सिद्ध करू शकणार नाहीस? ॥ ३ ॥