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दे॒वो वो॑ द्रविणो॒दाः पू॒र्णां वि॑वष्ट्या॒सिच॑म्। उद्वा॑ सि॒ञ्चध्व॒मुप॑ वा पृणध्व॒मादिद्वो॑ दे॒व ओ॑हते ॥११॥

English Transliteration

devo vo draviṇodāḥ pūrṇāṁ vivaṣṭy āsicam | ud vā siñcadhvam upa vā pṛṇadhvam ād id vo deva ohate ||

Pad Path

दे॒वः। वः॒। द्र॒वि॒णः॒ऽदाः। पू॒र्णाम्। वि॒व॒ष्टि॒। आ॒ऽसिच॑म्। उत्। वा॒। सि॒ञ्चध्व॑म्। उप॑। वा॒। पृ॒ण॒ध्व॒म्। आत्। इत्। वः॒। दे॒वः। ओ॒ह॒ते॒ ॥११॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:16» Mantra:11 | Ashtak:5» Adhyay:2» Varga:22» Mantra:5 | Mandal:7» Anuvak:1» Mantra:11


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मनुष्य क्या करें, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (द्रविणोदाः) धनदाता (देवः) विद्वान् (वः) तुमको (पूर्णाम्) पूरी (आसिचम्) अच्छे प्रकार सेचन की कान्ति को (विवष्टि) विशेष कर कामना करता है (वा) अथवा जो (देवः) दिव्यगुणधारी विद्वान् (वः) तुमको (ओहते) वितर्कित करता उसको (उत्, सिञ्चध्वम्) ही सींचो (वा) अथवा (आत्, इत्) इसके अनन्तर ही (उप, पृणध्वम्) समीप में तृप्त करो ॥११॥
Connotation: - जो विद्वान् लोग मनुष्यों की कामना पूर्ण करते हैं, उनको सब सुखी करें ॥११॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्याः किं कुर्य्युरित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यो द्रविणोदा देवो वः पूर्णामासिचं विवष्टि वा यो देवो वो युष्मानोहतं तमुत्सिञ्चध्वं वाऽऽदिदुपपृणध्वम् ॥११॥

Word-Meaning: - (देव) विद्वान् (वः) युष्मान् (द्रविणोदाः) धनप्रदः (पूर्णाम्) (विवष्टि) विशेषेण कामयते (आसिचम्) समन्तात्सिक्ताम् (उत्) (वा) (सिञ्चध्वम्) (उप) (वा) (पृणध्वम्) पूरयत (आत्) अनन्तरम् (इत्) एव (वः) युष्मान् (देवः) दिव्यगुणः (ओहते) वितर्कयति ॥११॥
Connotation: - ये विद्वांसो मनुष्याणां पूर्णां कामनां कुर्वन्ति तान् सर्वे सुखयन्तु ॥११॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे विद्वान माणसांच्या कामना पूर्ण करतात त्यांना सर्वांनी सुखी करावे. ॥ ११ ॥