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वि ये ते॑ अग्ने भेजि॒रे अनी॑कं॒ मर्ता॒ नरः॒ पित्र्या॑सः पुरु॒त्रा। उ॒तो न॑ ए॒भिः सु॒मना॑ इ॒ह स्याः॑ ॥९॥

English Transliteration

vi ye te agne bhejire anīkam martā naraḥ pitryāsaḥ purutrā | uto na ebhiḥ sumanā iha syāḥ ||

Pad Path

वि। ये। ते॒। अ॒ग्ने॒। भे॒जि॒रे। अनी॑कम्। मर्ताः॑। नरः॑। पित्र्या॑सः। पु॒रु॒ऽत्रा। उ॒तो इति॑। नः॒। ए॒भिः। सु॒ऽमनाः॑। इ॒ह। स्याः॒ ॥९॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:1» Mantra:9 | Ashtak:5» Adhyay:1» Varga:24» Mantra:4 | Mandal:7» Anuvak:1» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर कैसे भृत्यों के साथ राजा प्रजा का पालन करे, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (अग्ने) विद्युत् के तुल्य प्रकाशमान ! (ये) जो विद्वान् (पित्र्यासः) पितरों के लिये हितकारी (मर्त्ताः) मनुष्य (नरः) नायक हैं (ते) वे (पुरुत्रा) बहुत राजाओं में (अनीकम्) सेना को (वि, भेजिरे) सेवन करते हैं (उतो) और (एभिः) इन प्रत्यक्ष विद्वानों के साथ आप (इह) इस राज्य में (नः) हम पर (सुमनाः) शुद्ध चित्तवाले प्रसन्न (स्याः) हूजिये ॥९॥
Connotation: - हे राजन् ! जो अग्निविद्या में कुशल, आपकी सेना के प्रकाशक, वीर पुरुष, धार्मिक, विद्वान् अधिकारी हों, उनके साथ आप न्याय से हमारे पालक हूजिये ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः कीदृशैः सह राजा प्रजाः पालयेदित्याह ॥

Anvay:

हे अग्ने ! ये पित्र्यासो मर्ता नरस्ते [पुरुत्रा] अनीकं वि भेजिरे उतो एभिस्सह त्वमिह नः सुमनाः स्याः ॥९॥

Word-Meaning: - (वि) (ये) विद्वांसः (ते) (अग्ने) तडिदिव प्रकाशमान (भेजिरे) सेवन्ते (अनीकम्) सैन्यम् (मर्त्ताः) मनुष्याः (नरः) नायकाः (पित्र्यासः) पितृभ्यो हिताः (पुरुत्रा) पुरुषु बहुषु राजसु (उतो) अपि (नः) अस्माकमुपरि (एभिः) प्रत्यक्षैर्विद्वद्भिः सह (सुमनाः) सुष्ठुशुद्धमनाः (इह) अस्मिन् राज्ये (स्याः) ॥९॥
Connotation: - हे राजन् ! येऽग्निविद्यायां कुशला भवत्सेनाप्रकाशका वीरपुरुषा धर्मिष्ठा विद्वांसोऽधिकारिणः स्युस्तैस्सह भवान् न्यायेनाऽस्माकं पालको भूयाः ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे राजा ! जे अग्निविद्येत कुशल, आपल्या सेनेला प्रकाशित करणारे वीर पुरुष धार्मिक, विद्वान अधिकारी असतील तर त्यांच्याबरोबर तू न्यायाने वागून आमचा पालक बन. ॥ ९ ॥