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ताभि॒रा ग॑च्छतं न॒रोपे॒दं सव॑नं सु॒तम्। इन्द्रा॑ग्नी॒ सोम॑पीतये ॥९॥

English Transliteration

tābhir ā gacchataṁ naropedaṁ savanaṁ sutam | indrāgnī somapītaye ||

Pad Path

ताभिः॑। आ। ग॒च्छ॒त॒म्। न॒रा॒। उप॑। इ॒दम्। सव॑नम्। सु॒तम्। इन्द्रा॑ग्नी॒ इति॑। सोम॑ऽपीतये ॥९॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:60» Mantra:9 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:28» Mantra:4 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वे क्या करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (नरा) नायक (इन्द्राग्नी) बिजुली और वायु के समान सज्जनो ! तुम दोनों (ताभिः) उन इच्छाओं से (सोमपीतये) सोमपान के लिये (इदम्) इस (सुतम्) अच्छे प्रकार संस्कार किये हुए (सवनम्) जिससे उत्पन्न करते हैं, उसके (उप, आ, गच्छतम्) समीप प्राप्त होओ ॥९॥
Connotation: - यजमान जन विद्वानों को बुलाकर सदैव सत्कार करें और सत्कार पाये हुए वे लोग भी यजमानों को धर्मपथ को प्राप्त करावें ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तौ किं कुर्यातमित्याह ॥

Anvay:

हे नरेन्द्राग्नी ! युवां ताभिः सोमपीतय इदं सुतं सवनमुपाऽऽगच्छतम् ॥९॥

Word-Meaning: - (ताभिः) स्पृहाभिः (आ) (गच्छतम्) समन्तात् प्राप्नुतम् (नरा) नायकौ (उप) (इदम्) (सवनम्) येन सूयते तत् (सुतम्) सुसंस्कृतम् (इन्द्राग्नी) इन्द्रवायू इव सज्जनौ (सोमपीतये) सोमस्य पानाय ॥९॥
Connotation: - यजमाना विदुष आहूय सदैव सत्कुर्य्युः सत्कृतास्ते च यजमानान् धर्मपथं नयेयुः ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - यजमानांनी विद्वानांना आमंत्रित करून सदैव त्यांचा सत्कार करावा व सत्कारित विद्वानांनीही यजमानांना धर्मपथावर घेऊन जावे. ॥ ९ ॥