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इन्द्रा॑ग्नी यु॒वामि॒मे॒३॒॑भि स्तोमा॑ अनूषत। पिब॑तं शंभुवा सु॒तम् ॥७॥

English Transliteration

indrāgnī yuvām ime bhi stomā anūṣata | pibataṁ śambhuvā sutam ||

Pad Path

इन्द्रा॑ग्नी॒ इति॑। यु॒वाम्। इ॒मे। अ॒भि। स्तोमाः॑। अ॒नू॒ष॒त॒। पिब॑तम्। श॒म्ऽभु॒वा॒। सु॒तम् ॥७॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:60» Mantra:7 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:28» Mantra:2 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:7


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वे दोनों कैसे हैं, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (शम्भुवा) सुख की भावना करानेवाले (इन्द्राग्नी) सूर्य्य और बिजुली के समान सभासेनाधीशो ! (युवाम्) आप दोनों जो (इमे) ये (स्तोमाः) प्रशंसाएँ (अभि, अनूषत) प्रशंसा करती हैं, उनसे (सुतम्) सब ओर से उत्पन्न किये हुए दूध आदि रस को (पिबतम्) पिओ ॥७॥
Connotation: - हे सभासेनाधीशो ! आप लोग पथ्य आचार से सदा ओषधियों के रस को पीके अरोगी होकर प्रशंसित कर्मों को करो ॥७॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तौ कीदृशावित्याह ॥

Anvay:

हे शम्भुवा इन्द्राग्नी ! युवां य इमे स्तोमा अभ्यनूषत तैः सुतं पिबतम् ॥७॥

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) सूर्य्यविद्युताविव सभासेनेशौ (युवाम्) (इमे) (अभि) (स्तोमाः) प्रशंसाः (अनूषत) प्रशंसन्ति (पिबतम्) (शम्भुवा) यौ शं सुखं भावयतस्तौ (सुतम्) अभिनिष्पादितं दुग्धादिरसम् ॥७॥
Connotation: - हे सभासेनेशौ ! भवन्तौ पथ्याचारेण सदौषधिरसं पीत्वाऽरोगौ भूत्वा प्रशंसितानि कर्माणि कुर्याताम् ॥७॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे सभा सेनाधीशांनो ! तुम्ही पथ्याचे आचरण करून सदैव औषधींचा रस पिऊन निरोगी व्हा व प्रशंसित कार्य करा. ॥ ७ ॥