Go To Mantra

इन्द्रा॑ग्नी॒ आ हि त॑न्व॒ते नरो॒ धन्वा॑नि बा॒ह्वोः। मा नो॑ अ॒स्मिन्म॑हाध॒ने परा॑ वर्क्तं॒ गवि॑ष्टिषु ॥७॥

English Transliteration

indrāgnī ā hi tanvate naro dhanvāni bāhvoḥ | mā no asmin mahādhane parā varktaṁ gaviṣṭiṣu ||

Pad Path

इन्द्रा॑ग्नी॒ इति॑। आ। हि। त॒न्व॒ते। नरः॑। धन्वा॑नि। बा॒ह्वोः। मा। नः॒। अ॒स्मिन्। म॒हाऽध॒ने। परा॑। व॒र्क्त॒म्। गोऽइ॑ष्टिषु ॥७॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:59» Mantra:7 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:26» Mantra:2 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:7


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन विजयी होते हैं, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (नरः) नायक मनुष्य (इन्द्राग्नी) वायु और बिजुली को (आ, तन्वते) विस्तारते हैं और (बाह्वोः) भुजाओं में (हि) हि (धन्वानि) धनुषों को धारण कर (अस्मिन्) इस (महाधने) सङ्ग्राम में हम सब को विस्तारते हैं और (गविष्टिषु) किरणों की जिनमें मिलावटें हैं, उन क्रियाओं में प्रवीण होते हुए जैसे वायु और बिजुली (नः) हम लोगों को (मा, परा, वर्क्तम्) मत छोड़ें वैसा करते हैं, उनको हम लोग मिलें ॥७॥
Connotation: - जो राजा प्रजाजन बिजुली आदि से आग्नेयादि अस्त्रों को बनाय संग्राम के जीतनेवाले होते हैं, वे इस संसार में राज्यैश्वर्य्य से सुख बढ़ा सकते हैं ॥७॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

के विजयिनो भवेयुरित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! ये नर इन्द्राग्नी आ तन्वते बाह्वोर्हि धन्वानि धृत्वाऽस्मिन् महाधनेऽस्माँस्तन्वते गविष्टिषु प्रवीणाः सन्तो यथेन्द्राग्नी नो मा परा वर्क्तं तथा विदधति तान् वयं सङ्गच्छेमहि ॥७॥

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) वायुविद्युतौ (आ) (हि) खलु (तन्वते) विस्तृणन्ति (नरः) नायकाः (धन्वानि) धनूंषि (बाह्वोः) भुजयोर्मध्ये (मा) (नः) अस्मान् (अस्मिन्) (महाधने) सङ्ग्रामे (परा) (वर्क्तम्) त्यजेताम् (गविष्टिषु) गवां किरणानामिष्टयः सङ्गतयो यासु क्रियासु तासु ॥७॥
Connotation: - ये राजप्रजाजना विद्युदादिनाऽऽग्नेयादीन्यस्त्राणि निर्माय सङ्ग्रामस्य विजेतारो जायन्ते तेऽस्मिन् संसारे राज्यैश्वर्येण सुखं विस्तारयितुं शक्नुवन्ति ॥७॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जो राजा व प्रजा विद्युत इत्यादींनी आग्नेय अस्त्रे वगैरे तयार करून युद्ध जिंकतात ते या जगात राज्याचे ऐश्वर्य प्राप्त करून सुखाची वृद्धी करू शकतात. ॥ ७ ॥