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पू॒षा गा अन्वे॑तु नः पू॒षा र॑क्ष॒त्वर्व॑तः। पू॒षा वाजं॑ सनोतु नः ॥५॥

English Transliteration

pūṣā gā anv etu naḥ pūṣā rakṣatv arvataḥ | pūṣā vājaṁ sanotu naḥ ||

Pad Path

पू॒षा। गाः। अनु॑। ए॒तु॒। नः॒। पू॒षा। र॒क्ष॒तु॒। अर्व॑तः। पू॒षा। वाज॑म्। स॒नो॒तु॒। नः॒ ॥५॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:54» Mantra:5 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:5 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:5


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन राज्य को पाता है, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - जो (पूषा) पुष्टि करनेवाला विद्वान् (नः) हमारे लिये (वाजम्) धन को (सनोतु) देवे जो (पूषा) पुष्टि करनेवाला (अर्वतः) घोड़ों के समान अग्न्यादि पदार्थों की (रक्षतु) रक्षा करे वह (पूषा) शिल्पिजनों की पुष्टि करनेवाला (नः) हम लोगों को तथा (अनु, गाः) अनुकूल पृथिवी और वाणियों को (एतु) प्राप्त हो ॥५॥
Connotation: - जो पहिले औरों का उपकार करता वा पदार्थों को इकट्टा करता है, वह सब के सहाय से भूमि के राज्य आदि को प्राप्त होता है ॥५॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

को राज्यं प्राप्नोतीत्याह ॥

Anvay:

यः पूषा नो वाजं सनोतु यः पूषाऽर्वतो रक्षतु स पूषा नोऽनु गा एतु ॥५॥

Word-Meaning: - (पूषा) शिल्पिनां पुष्टिकर्त्ता (गाः) पृथिवीर्वाचो वा (अनु) (एतु) (नः) अस्मान् (पूषा) पोषकः (रक्षतु) (अर्वतः) अश्वानिवाऽग्न्यादीन् (पूषा) (वाजम्) धनम् (सनोतु) ददातु (नः) अस्मभ्यम् ॥५॥
Connotation: - य आदावन्यानुपकरोति पदार्थान् संश्चिनोति स सर्वसहायेन भूमिराज्यादिकं प्राप्नोति ॥५॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जो प्रथम इतरांवर उपकार करतो किंवा पदार्थांना एकत्रित करतो तो सर्वांच्या मदतीने भूमीचे राज्य प्राप्त करतो. ॥ ५ ॥