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स नी॒व्या॑भिर्जरि॒तार॒मच्छा॑ म॒हो वाजे॑भिर्म॒हद्भि॑श्च॒ शुष्मैः॑। पु॒रु॒वीरा॑भिर्वृषभ क्षिती॒नामा गि॑र्वणः सुवि॒ताय॒ प्र या॑हि ॥४॥

English Transliteration

sa nīvyābhir jaritāram acchā maho vājebhir mahadbhiś ca śuṣmaiḥ | puruvīrābhir vṛṣabha kṣitīnām ā girvaṇaḥ suvitāya pra yāhi ||

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Pad Path

सः। नी॒व्या॑भिः। ज॒रि॒तार॑म्। अच्छ॑। म॒हः। वाजे॑भिः। म॒हत्ऽभिः॑। च॒। शुष्मैः॑। पु॒रु॒ऽवीरा॑भिः। वृ॒ष॒भ॒। क्षि॒ती॒नाम्। आ। गि॒र्व॒णः॒। सु॒वि॒ताय॑। प्र। या॒हि॒ ॥४॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:32» Mantra:4 | Ashtak:4» Adhyay:7» Varga:4» Mantra:4 | Mandal:6» Anuvak:3» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (वृषभ) बलयुक्त (गिर्वणः) उत्तम वाणियों से सेवा किये गये अत्यन्त ऐश्वर्य्य के करनेवाले राजन् ! (सः) वह आप (नीव्याभिः) प्राप्त कराने योग्य पदार्थों में होनेवाली तथा (वाजेभिः) वेग और विज्ञान आदि गुणवालों तथा (महद्भिः) महाशयों और (शुष्मैः) प्रशंसित बलवालों से युक्त (पुरुवीराभिः) बहुत वीर जिनमें उन सेनाओं के साथ (क्षितीनाम्) मनुष्यों की (सुविताय) प्रेरणा के लिये (प्र,आ,याहि) अच्छे प्रकार यात्रा करिये और (महः) बड़े (जरितारम्, च) और स्तुतिवाले को (अच्छा) उत्तम प्रकार प्राप्त हूजिये ॥४॥
Connotation: - जो मनुष्य धार्मिक, बलिष्ठ और उत्तम प्रकार से शिक्षित पुरुषों की सेनाओं से विजय के लिये प्रयत्न करे, वह निश्चय कर विजय को प्राप्त होवे ॥४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे वृषभ गिर्वण इन्द्र राजन्त्स त्वं नीव्याभिर्वाजेभिर्महद्भिः शुष्मैर्युक्ताभिः पुरुवीराभिः सेनाभिस्सह क्षितीनां सुविताय प्राऽऽयाहि महो जरितारं चाऽच्छा याहि ॥४॥

Word-Meaning: - (सः) (नीव्याभिः) नीविषु प्रापणीयेषु भवाभिः (जरितारम्) स्तावकम् (अच्छा) अत्र संहितायामिति दीर्घः। (महः) महान्तम् (वाजेभिः) वेगविज्ञानादिगुणवद्भिः (महद्भिः) महाशयैः (च) (शुष्मैः) प्रशंसितबलैः (पुरुवीराभिः) पुरवो बहवो वीरा यासु सेनासु ताभिः (वृषभ) बलिष्ठ (क्षितीनाम्) मनुष्याणाम् (आ) (गिर्वणः) य उत्तमाभिर्वाग्भिः सेव्यते तत्सम्बुद्धौ (सुविताय) प्रेरणाय (प्र) (याहि) प्रयाणं कुरु ॥४॥
Connotation: - यो मनुष्यो धार्मिकाणां बलिष्ठानां सुशिक्षितानां सेनाभिर्विजयाय प्रयतेत स ध्रुवं विजयमाप्नुयात् ॥४॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जी माणसे धार्मिक, बलवान व प्रशिक्षित सेनेद्वारे विजयासाठी प्रयत्न करतात ती निश्चित विजय प्राप्त करतात. ॥ ४ ॥