Go To Mantra

स ईं॑ पाहि॒ य ऋ॑जी॒षी तरु॑त्रो॒ यः शिप्र॑वान्वृष॒भो यो म॑ती॒नाम्। यो गो॑त्र॒भिद्व॑ज्र॒भृद्यो ह॑रि॒ष्ठाः स इ॑न्द्र चि॒त्राँ अ॒भि तृ॑न्धि॒ वाजा॑न् ॥२॥

English Transliteration

sa īm pāhi ya ṛjīṣī tarutro yaḥ śipravān vṛṣabho yo matīnām | yo gotrabhid vajrabhṛd yo hariṣṭhāḥ sa indra citrām̐ abhi tṛndhi vājān ||

Mantra Audio
Pad Path

सः। ई॒म्। पा॒हि॒। यः। ऋ॒जी॒षी। तरु॑त्रः। यः। शिप्र॑ऽवान्। वृ॒ष॒भः। यः। म॒ती॒नाम्। यः। गो॒त्र॒ऽभित्। व॒ज्र॒ऽभृत्। यः। ह॒रि॒ऽस्थाः। सः। इ॒न्द्र॒। चि॒त्रान्। अ॒भि। तृ॒न्धि॒। वाजा॑न् ॥२॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:17» Mantra:2 | Ashtak:4» Adhyay:6» Varga:1» Mantra:2 | Mandal:6» Anuvak:2» Mantra:2


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्र) दुष्टों के विदीर्ण करनेवाले ! (यः) जो (ऋजीषी) सरलस्वभाव (तरुत्रः) सम्पूर्ण दुःख से उत्तीर्ण हुए आप हैं (सः) वह आप (ईम्) प्राप्त वस्तु का (पाहि) पालन करिये और (यः) जो (शिप्रवान्) सुन्दर ठुड्डी और नासिकावाले (वृषभः) बलिष्ठ और (यः) जो (मतीनाम्) मनुष्यों के मध्य में बलिष्ठ (यः) जो (वज्रभृत्) वज्र को धारण करनेवाले (गोत्रभित्) गोत्र के नाश करनेवाले हैं (यः) जो (हरिष्ठाः) अतिशय हरनेवाले हैं (सः) वह आप (चित्रान्) अद्भुत (वाजान्) हिंसकों का (अभि, तृन्धि) सब ओर से नाश करिये ॥२॥
Connotation: - हे राजन् ! जो प्रजा के रक्षक, दुष्टों के हिंसक जन होवें, उनका आप सत्कार करिये ॥२॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे इन्द्र ! य ऋजीषी तरुत्रस्त्वमसि स ईं पाहि यः शिप्रवान् वृषभो यो मतीनां वृषभो यो वज्रभृद् गोत्रभिदसि यो हरिष्ठा असि स त्वं चित्रान् वाजानभि तृन्धि ॥२॥

Word-Meaning: - (सः) (ईम्) प्राप्तं वस्तु (पाहि) (यः) (ऋजीषी) सरलस्वभावः (तरुत्रः) सर्वदुःखादुत्तीर्णः (यः) (शिप्रवान्) शिप्रे सुन्दरे हनुनासिके विद्यते यस्य (वृषभः) बलिष्ठः (यः) (मतीनाम्) मनुष्याणाम् (यः) (गोत्रभित्) यो गोत्रं भिनत्ति (वज्रभृत्) यो वज्रं बिभर्त्ति (यः) (हरिष्ठाः) अतिशयेन हर्त्ता (सः) (इन्द्र) दुष्टविदारक (चित्रान्) अद्भुतान् (अभि) (तृन्धि) हिन्धि (वाजान्) हिंसकान् ॥२॥
Connotation: - हे राजन् ! ये प्रजारक्षका दुष्टहिंसका जनाः स्युस्ताँस्त्वं सत्कुर्य्याः ॥२॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे राजा ! जे प्रजारक्षक, दुष्टमारक जन असतील त्यांचा तू सत्कार कर. ॥ २ ॥