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वेत्था॒ हि वे॑धो॒ अध्व॑नः प॒थश्च॑ दे॒वाञ्ज॑सा। अग्ने॑ य॒ज्ञेषु॑ सुक्रतो ॥३॥

English Transliteration

vetthā hi vedho adhvanaḥ pathaś ca devāñjasā | agne yajñeṣu sukrato ||

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Pad Path

वेत्थ॑। हि। वे॒धः॒। अध्व॑नः। प॒थः। च॒। दे॒व॒। अञ्ज॑सा। अग्ने॑। य॒ज्ञेषु॑। सु॒क्र॒तो॒ इति॑ सुऽक्रतो ॥३॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:16» Mantra:3 | Ashtak:4» Adhyay:5» Varga:21» Mantra:3 | Mandal:6» Anuvak:2» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन उपदेश करने योग्य होवे, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (सुक्रतो) उत्तम ज्ञान वा उत्तम कर्म्मयुक्त (देव) विज्ञान के देनेवाले (वेधः) मेधावी (अग्ने) प्रकाशात्मा ! (हि) जिससे आप (यज्ञेषु) विद्या और धर्म के प्रचारनामक व्यवहारों में (अञ्जसा) स्वतन्त्रतायुक्त वेगवालेपन से (अध्वनः) मार्गों को और (पथः) मार्गों को (च) भी (वेत्था) जानते हो, इससे हम लोगों को जनाइये ॥३॥
Connotation: - इस संसार में जो मनुष्य धर्म्म, अर्थ, काम और मोक्ष के मार्गों को जानें, वे ही अन्यों को भी उपदेश देवें, न कि इतर अज्ञ जन ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

क उपदेशं कर्त्तुमर्हेदित्याह ॥

Anvay:

हे सुक्रतो देव वेधोऽग्ने ! हि त्वं यज्ञेष्वञ्जसाऽध्वनः पथश्च वेत्था तस्मादस्मान् वेदय ॥३॥

Word-Meaning: - (वेत्था) अत्र द्व्यचोऽतस्तिङ इति दीर्घः। (हि) यतः (वेधः) मेधाविन् (अध्वनः) मार्गान् (पथः) (च) (देव) विज्ञानप्रद (अञ्जसा) स्वच्छन्देन वेगवत्त्वेन (अग्ने) प्रकाशात्मन् (यज्ञेषु) विद्याधर्म्मप्रचाराख्येषु व्यवहारेषु (सुक्रतो) सुष्ठुप्रज्ञ उत्तमकर्म्मन् वा ॥३॥
Connotation: - अस्मिन्त्संसारे ये धर्मार्थकाममोक्षमार्गाञ्जानीयुस्त एवान्यानुपदिशेयुर्नेतरेऽज्ञा जनाः ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या जगात जी माणसे धर्म, अर्थ, काम, मोक्षाला जाणतात त्यांनी इतरांनाही उपदेश द्यावा, इतर अज्ञ जनांनी नव्हे! ॥ ३ ॥