Go To Mantra

विश्वा॑नि देव सवितर्दुरि॒तानि॒ परा॑ सुव। यद्भ॒द्रं तन्न॒ आ सु॑व ॥५॥

English Transliteration

viśvāni deva savitar duritāni parā suva | yad bhadraṁ tan na ā suva ||

Mantra Audio
Pad Path

विश्वा॑नि। दे॒व॒। स॒वि॒तः॒। दुः॒ऽइ॒तानि॑। परा॑। सु॒व॒। यत्। भ॒द्रम्। तत्। नः॒। आ। सु॒व॒ ॥५॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:82» Mantra:5 | Ashtak:4» Adhyay:4» Varga:25» Mantra:5 | Mandal:5» Anuvak:6» Mantra:5


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

मनुष्य किसलिये ईश्वर की प्रार्थना करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (सवितः) संपूर्ण संसार के उत्पन्न करनेवाले (देव) और संपूर्ण संसार को प्रकाशित करनेवाले जगदीश्वर ! (विश्वानि) संपूर्ण (दुरितानि) दुष्ट आचरणों को आप (परा, सुव) दूर कीजिये और (यत्) जो (भद्रम्) कल्याणकारक है (तत्) उसको (नः) हम लोगों के लिये (आ, सुव) सब प्रकार से प्राप्त कीजिये ॥५॥
Connotation: - हे परमेश्वर ! आप कृपा से जितने हम लोगों में दुष्ट आचरण हैं, उनको अलग करके धर्म्मयुक्त गुण, कर्म्म और स्वभावों को स्थापित कीजिये ॥५॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

मनुष्यैः किमर्थमीश्वरः प्रार्थनीय इत्याह ॥

Anvay:

हे सवितर्देव जगदीश्वर ! विश्वानि दुरितानि त्वं परा सुव यद्भद्रं तन्न आ सुव ॥५॥

Word-Meaning: - (विश्वानि) सर्वाणि (देव) सकलजगत्प्रकाशक (सवितः) सर्वविश्वोत्पादक (दुरितानि) दुष्टाचरणानि (परा) (सुव) दूरे प्रक्षिप (यत्) (भद्रम्) कल्याणकरम् (तत्) (नः) अस्मभ्यम् (आ) (सुव) समन्तात् प्रापय ॥५॥
Connotation: - हे परमेश्वर ! भवान् कृपया यावन्त्यस्मासु दुष्टाचरणानि सन्ति तावन्ति पृथक्कृत्य धर्म्यगुणकर्मस्वभावान् स्थापयतु ॥५॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे परमेश्वरा! आमचे जेवढे दुष्ट आचरण आहे ते तुझ्या कृपेने नाहीसे होऊन धर्मयुक्त गुण, कर्म, स्वभाव बनू दे. ॥ ५ ॥