Go To Mantra

भी॒ताय॒ नाध॑मानाय॒ ऋष॑ये स॒प्तव॑ध्रये। मा॒याभि॑रश्विना यु॒वं वृ॒क्षं सं च॒ वि चा॑चथः ॥६॥

English Transliteration

bhītāya nādhamānāya ṛṣaye saptavadhraye | māyābhir aśvinā yuvaṁ vṛkṣaṁ saṁ ca vi cācathaḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

भी॒ताय॑। नाध॑मानाय। ऋष॑ये। स॒प्तऽव॑ध्रये। मा॒याभिः॑। अ॒श्वि॒ना॒। यु॒वम्। वृ॒क्षम्। सम्। च॒। वि। च॒। अ॒च॒थः॒ ॥६॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:78» Mantra:6 | Ashtak:4» Adhyay:4» Varga:20» Mantra:2 | Mandal:5» Anuvak:6» Mantra:6


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

इसके अनन्तर विद्वान् जन क्या करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (अश्विना) अध्यापक और उपदेशकजनो ! (युवम्) आप दोनों (मायाभिः) बुद्धियों से (भीताय) भय को प्राप्त (नाधमानाय) उपतप्यमान और (सप्तवध्रये) पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ मन और बुद्धि ये सात नष्ट हुईं जिसकी अर्थात् इनकी प्रबलता से रहित उसके लिये और (ऋषये) वेदार्थ के जाननेवाले के लिये (च) भी (सम्, अचथः) उत्तम प्रकार जाइये (वृक्षम्, च) और जो काटा जाता उस वृक्ष को (वि) उत्तम प्रकार प्राप्त हूजिये ॥६॥
Connotation: - विद्वानों की योग्यता है कि बुद्धि के देने से अविद्यादि भय के कारण डरे हुओं को भयरहित करके तथा संसार में मोह और अधर्म्म के योग से वियुक्त करके सुखी करें ॥६॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ विद्वांसः किं कुर्य्युरित्याह ॥

Anvay:

हे अश्विना ! युवं मायाभिर्भीताय नाधमानाय सप्तवध्रये ऋषये च समचथः वृक्षं च व्यचथः ॥६॥

Word-Meaning: - (भीताय) प्राप्तभयाय (नाधमानाय) उपतप्यमानाय (ऋषये) वेदार्थविदे (सप्तवध्रये) पञ्चज्ञानेन्द्रियाणि मनो बुद्धिश्च सप्त हता यस्य तस्मै (मायाभिः) प्रज्ञाभिः (अश्विना) अध्यापकोपदेशकौ (युवम्) युवाम् (वृक्षम्) यो वृश्च्यते तम् (सम्) (च) (वि) (च) (अचथः) ॥६॥
Connotation: - विदुषां योग्यतास्ति प्रज्ञादानेनाविद्यादिभयभीतान्निर्भयान् कृत्वा संसारे मोहाऽधर्म्मयोगात् वियोज्य सुखिनः सम्पादयन्तु ॥६॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - विद्वानांची ही योग्यता असते की अविद्येच्या भयामुळे घाबरलेल्यांना बुद्धिमान करून, निर्भय करून, जगातील मोह अधर्मापासून दूर करून, सुखी करतात. ॥ ६ ॥