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अश्वि॑ना॒वेह ग॑च्छतं॒ नास॑त्या॒ मा वि वे॑नतम्। हं॒सावि॑व पतत॒मा सु॒ताँ उप॑ ॥१॥

English Transliteration

aśvināv eha gacchataṁ nāsatyā mā vi venatam | haṁsāv iva patatam ā sutām̐ upa ||

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Pad Path

अश्वि॑नौ। आ। इ॒ह। ग॒च्छ॒त॒म्। नास॑त्या। मा। वि। वे॒न॒त॒म। हं॒सौऽइ॑व। प॒त॒त॒म्। आ। सु॒तान्। उप॑ ॥१॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:78» Mantra:1 | Ashtak:4» Adhyay:4» Varga:19» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:6» Mantra:1


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब नव ऋचावाले अठहत्तरवें सूक्त का आरम्भ किया है, उसके प्रथम मन्त्र में फिर मनुष्यों को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (नासत्या) सत्य व्यवहार से युक्त तथा (अश्विनौ) वायु और जल के सदृश उपदेश देने वा ग्रहण करनेवाले ! आप दोनों (इह) इस संसार में (हंसाविव) दो हंसों के सदृश (आ, गच्छतम्) आइये और (सुतान्) उत्पन्न हुए पदार्थों के (उप) समीप (आ) सब प्रकार (पततम्) प्राप्त हूजिये तथा (मा, वि, वेनतम्) विरुद्ध कामना मत कीजिये ॥१॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है । जो विमान से हंस के सदृश अन्तरिक्ष में जा आकर विरुद्ध आचरण का त्याग करके सत्य की कामना करते हैं, वे बहुत सुख को प्राप्त होते हैं ॥१॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्यैः किं कर्त्तव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे नासत्याऽश्विनौ ! युवामिह हंसाविवाऽऽगच्छतं सुतानुपाऽऽपततं मा वि वेनतं विरुद्धं मा कामयेथाम् ॥१॥

Word-Meaning: - (अश्विनौ) वायूदके इवोपदेष्ट्र्युपदेश्यौ (आ) (इह) अस्मिन् संसारे (गच्छतम्) (नासत्या) सत्यव्यवहारयुक्तौ (मा) निषेधे (वि) विरोधे (वेनतम्) कामयेथाम् (हंसाविव) हंसवत् (पततम्) (आ) (सुतान्) निष्पन्नान् पदार्थान् (उप) ॥१॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। ये विमानेन हंसवदन्तरिक्षे गत्वाऽऽगत्य विरुद्धाचरणं त्यक्त्वा सत्यं कामयन्ते ते बहुसुखं लभन्ते ॥१॥
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MATA SAVITA JOSHI

या सूक्तात अश्विपदवाच्या स्त्री-पुरुषांच्या गुणांचे वर्णन असल्यामुळे या सूक्ताच्या अर्थाबरोबर मागच्या सूक्ताच्या अर्थाबरोबर संगती जाणावी.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जे हंसाप्रमाणे विमानाने जा-ये करतात. विपरीत आचरणाचा त्याग करून सत्याची कामना करतात ते सुखी होतात. ॥ १ ॥