Go To Mantra

आ वां॑ नरा मनो॒युजोऽश्वा॑सः प्रुषि॒तप्स॑वः। वयो॑ वहन्तु पी॒तये॑ स॒ह सु॒म्नेभि॑रश्विना॒ माध्वी॒ मम॑ श्रुतं॒ हव॑म् ॥६॥

English Transliteration

ā vāṁ narā manoyujo śvāsaḥ pruṣitapsavaḥ | vayo vahantu pītaye saha sumnebhir aśvinā mādhvī mama śrutaṁ havam ||

Mantra Audio
Pad Path

आ। वा॒म्। न॒रा॒। म॒नः॒ऽयुजः॑। अश्वा॑सः। प्रु॒षि॒तऽप्स॑वः। वयः॑। व॒ह॒न्तु॒। पी॒तये॑। स॒ह। सु॒म्नेभिः॑। अ॒श्वि॒ना॒। माध्वी॒ इति॑। मम॑। श्रु॒त॒म्। हव॑म् ॥६॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:75» Mantra:6 | Ashtak:4» Adhyay:4» Varga:16» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:6» Mantra:6


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

मनुष्यों को शिल्पविद्या से कार्य्य सिद्ध करने चाहियें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (माध्वी) मधुर स्वभावयुक्त (नरा) नायक (अश्विना) शिल्पविद्या के जाननेवालो ! आप लोगो आप दोनों (सुम्नेभिः) सुखों के (सह) साथ (पीतये) पान के लिये जो (वाम्) आप दोनों के (मनोयुजः) मन के सदृश युक्त होनेवाले अत्यन्त वेगवान् (प्रुषितप्सवः) जलाया ईंधन आदि जिन्होंने ऐसे (वयः) व्याप्तिशील (अश्वासः) वेग आदि गुण हैं वे वाहनों को (आ) सब प्रकार से (वहन्तु) पहुँचावें उनके लिये (मम) मेरे (हवम्) आह्वान को (श्रुतम्) सुनिये ॥६॥
Connotation: - जो मनुष्य पदार्थविद्या से शिल्पसिद्ध कार्य्यों को सिद्ध करें तो अधिक धनी होवें ॥६॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

मनुष्यैः शिल्पविद्या कार्य्याणि साधनीयानीत्याह ॥

Anvay:

हे माध्वी नराऽश्विना ! युवां सुम्नेभिः सह पीतये ये वां मनोयुजः प्रुषितप्सवो वयोऽश्वासः सन्ति ते यानान्या वहन्तु तदर्थं मम हवं श्रुतम् ॥६॥

Word-Meaning: - (आ) समन्तात् (वाम्) युवयोः (नरा) नेतारौ (मनोयुजः) ये मन इव युञ्जन्ते ते वेगवत्तराः (अश्वासः) वेगादयो गुणाः (प्रुषितप्स्वः) प्रुषितं दग्धं प्सु इन्धनान्नादिकं यैस्ते (वयः) व्याप्तिशीलाः (वहन्तु) (पीतये) पानाय (सह) (सुम्नेभिः) सुखैः (अश्विना) शिल्पविद्याविदौ (माध्वी) (मम) (श्रुतम्) (हवम्) ॥६॥
Connotation: - यदि मनुष्याः पदार्थविद्यया शिल्पसिद्धानि कार्य्याणि साध्नुवन्तु तर्हि धनवत्तरा भवन्तु ॥६॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जर माणसांनी पदार्थविद्येने शिल्प पूर्ण करणारे कार्य केले तर ते अधिक श्रीमंत होतील. ॥ ६ ॥