Go To Mantra

ह॒ये नरो॒ मरु॑तो मृ॒ळता॑ न॒स्तुवी॑मघासो॒ अमृ॑ता॒ ऋत॑ज्ञाः। सत्य॑श्रुतः॒ कव॑यो॒ युवा॑नो॒ बृह॑द्गिरयो बृ॒हदु॒क्षमा॑णाः ॥८॥

English Transliteration

haye naro maruto mṛḻatā nas tuvīmaghāso amṛtā ṛtajñāḥ | satyaśrutaḥ kavayo yuvāno bṛhadgirayo bṛhad ukṣamāṇāḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

ह॒ये। नरः॑। मरु॑तः। मृ॒ळत॑। नः॒। तुवि॑ऽमघासः। अमृ॑ताः। ऋत॑ऽज्ञाः। सत्य॑ऽश्रुतः। कव॑यः। युवा॑नः। बृह॑त्ऽगिरयः। बृ॒हत्। उ॒क्षमा॑णाः ॥८॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:57» Mantra:8 | Ashtak:4» Adhyay:3» Varga:22» Mantra:3 | Mandal:5» Anuvak:5» Mantra:8


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मरुद्विषयक विद्वानों के गुणों को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - (हये) हे (नरः) नायक (मरुतः) मरणशील जनो ! (तुवीमघासः) बहुत धनों से युक्त (अमृताः) अपने स्वरूप से मृत्युरहित (ऋतज्ञाः) यथार्थ को जाननेवाले (सत्यश्रुतः) सत्य को सुने हुए वा सत्य को सुननेवाले (युवानः) युवावस्था को प्राप्त (बृहद्गिरयः) बहुत प्रशंसावाले (बृहत्) बहुत (उक्षमाणाः) सेवन किये और (कवयः) विद्वान् होते हुए आप लोग (नः) हम लोगों को (मृळता) सुखी करो ॥८॥
Connotation: - जो मनुष्य यथार्थवक्ता विद्वानों का सेवन करते हैं, वे सत्य विद्या को प्राप्त होकर सदा ही प्रसन्न होते हैं ॥८॥ इस सूक्त में रुद्र और वायु के गुण वर्णन करने से इस सूक्त के अर्थ की इस से पूर्व सूक्त के अर्थ के साथ सङ्गति जाननी चाहिये ॥ यह सत्तावनवाँ सूक्त और बाईसवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मरुद्विषयकविद्वद्गुणानाह ॥

Anvay:

हये नरो मरुतो ! तुवीमघासोऽमृता ऋतज्ञाः सत्यश्रुतो युवानो बृहद्गिरयो बृहदुक्षमाणाः कवयः सन्तो यूयं नो मृळता ॥८॥

Word-Meaning: - (हये) सम्बोधने (नरः) नायकाः (मरुतः) मरणशीलाः (मृळता) सुखयत। अत्र संहितायामिति दीर्घः। (नः) अस्मान् (तुवीमघासः) बहुधनयुक्ताः (अमृताः) स्वस्वरूपेण मृत्युरहिताः (ऋतज्ञाः) ये ऋतं यथार्थं जानन्ति ते (सत्यश्रुतः) ये सत्यं श्रुतवन्तः शृण्वन्ति वा (कवयः) विद्वांसः (युवानः) प्राप्तयुवावस्थाः (बृहद्गिरयः) बहुप्रशंसाः (बृहत्) महत् (उक्षमाणाः) सेवमानाः ॥८॥
Connotation: - ये मनुष्या आप्तान् विदुषः सेवन्ते ते सत्यां विद्यां प्राप्य सदैव मोदन्ते ॥८॥ अत्र रुद्रमरुद्गुणवर्णनादेतदर्थस्य पूर्वसूक्तार्थेन सह सङ्गतिर्वेद्या ॥ इति सप्तपञ्चाशत्तमं सूक्तं द्वाविंशो वर्गश्च समाप्तः ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जी माणसे आप्त विद्वानांचा स्वीकार करून सत्यविद्या प्राप्त करतात ती सदैव प्रसन्न होतात. ॥ ८ ॥