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यु॒ङ्ग्ध्वं ह्यरु॑षी॒ रथे॑ यु॒ङ्ग्ध्वं रथे॑षु रो॒हितः॑। यु॒ङ्ग्ध्वं हरी॑ अजि॒रा धु॒रि वोळ्ह॑वे॒ वहि॑ष्ठा धु॒रि वोळ्ह॑वे ॥६॥

English Transliteration

yuṅgdhvaṁ hy aruṣī rathe yuṅgdhvaṁ ratheṣu rohitaḥ | yuṅgdhvaṁ harī ajirā dhuri voḻhave vahiṣṭhā dhuri voḻhave ||

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Pad Path

यु॒ङ्ग्ध्वम्। हि। अरु॑षीः। रथे॑। यु॒ङ्ग्ध्वम्। रथे॑षु। रो॒हितः॑। यु॒ङ्ग्ध्वम्। हरी॒ इति॑। अ॒जि॒रा। धु॒रि। वोळ्ह॑वे। वहि॑ष्ठा। धु॒रि। वोळ्ह॑वे ॥६॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:56» Mantra:6 | Ashtak:4» Adhyay:3» Varga:20» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:4» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब अग्निविद्या के उपदेश को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वान् कारीगरो ! आप लोग (रथे) वाहन में (अरुषीः) रक्तगुणों में विशिष्ट घोड़ियों के सदृश ज्वालाओं को (युङ्ग्ध्वम्) युक्त कीजिये (रथेषु) रथों में (रोहितः) लाल गुणवाले पदार्थों को और (युङ्ग्ध्वम्) युक्त कीजिये और (धुरि) अग्रभाग में (वोळ्हवे) प्राप्त करने के लिये (अजिरा) जानेवाले (हरी) धारण और आकर्षण को तथा (धुरि) अग्रभाग में (वोळ्हवे) स्थानान्तर में प्राप्त होने के लिये (वहिष्ठा) अत्यन्त पहुँचानेवाले (हि) निश्चय अग्नि और पवन को (युङ्ग्ध्वम्) युक्त कीजिए ॥६॥
Connotation: - मनुष्यों को चाहिये कि अग्नि आदि पदार्थों को वाहन आदि के चलाने के लिए निरन्तर युक्त करें ॥६॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथाग्निविद्योपदेशमाह ॥

Anvay:

हे विद्वांसः शिल्पिनो ! यूयं रथेऽरुषीर्युङ्ग्ध्वं रथेषु रोहितो युङ्ग्ध्वं धुरि वोळ्हवेऽजिरा हरी धुरि वोळ्हवे वहिष्ठा ह्यग्निवायू युङ्ध्वम् ॥६॥

Word-Meaning: - (युङ्ग्ग्ध्वम्) संयोजयत (हि) खलु (अरुषीः) रक्तगुणविशिष्टाः वडवा इव ज्वालाः (रथे) (युङ्ध्वम्) (रथेषु) (रोहितः) रक्तगुणविशिष्टान् (युङ्ग्ध्वम्) (हरी) धारणाकर्षणाख्यौ (अजिरा) गन्तारौ (धुरि) (वोळ्हवे) वहनाय (वहिष्ठा) अतिशयेन वोढारः (धुरि) (वोळ्हवे) स्थानान्तरं प्रापणाय ॥६॥
Connotation: - मनुष्यैरग्न्यादिपदार्था यानादिवहनाय नियोजनीयाः ॥६॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - माणसांनी अग्नी इत्यादी पदार्थांचा वाहनात उपयोग करावा. ॥ ६ ॥