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शि॒वस्त्व॑ष्टरि॒हा ग॑हि वि॒भुः पोष॑ उ॒त त्मना॑। य॒ज्ञेय॑ज्ञे न॒ उद॑व ॥९॥

English Transliteration

śivas tvaṣṭar ihā gahi vibhuḥ poṣa uta tmanā | yajñe-yajñe na ud ava ||

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Pad Path

शि॒वः। त्व॒ष्टः॒। इ॒ह। आ। ग॒हि॒। वि॒ऽभुः। पोषे॑। उ॒त। त्मना॑। य॒ज्ञेऽय॑ज्ञे। नः॒। उत्। अ॒व॒ ॥९॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:5» Mantra:9 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:21» Mantra:4 | Mandal:5» Anuvak:1» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब राजप्रजाविषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (त्वष्टः) सब दुःखों के नाश करनेवाले राजन् ! (इह) इस स्थल में (पोषे) कि जिसमें पुष्ट हों (विभुः) व्यापक परमेश्वर के सदृश (शिवः) मङ्गलकारी होते हुए (त्मना) आत्मा से (यज्ञेयज्ञे) मेल करने योग्य व्यवहार में (आ, गहि) प्राप्त होओ (उत) और (नः) हम लोगों की (उत्, अव) उत्तम प्रकार रक्षा करो ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। हे मनुष्यो ! आप लोग परमेश्वर के सदृश वर्त्ताव करके सब के कल्याण को करो ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ राजप्रजाविषयमाह ॥

Anvay:

हे त्वष्टा राजन्निह पोषे विभुरिव शिवः सँस्त्मना यज्ञेयज्ञे आ गहि उत न उदव ॥९॥

Word-Meaning: - (शिवः) मङ्गलकारी (त्वष्टः) सर्वदुःखछेत्तः (इह) अस्मिँस्थले (आ) (गहि) (विभुः) व्यापकः परमेश्वर इव (पोषे) पुष्यन्ति यस्मिँस्तस्मिन् (उत) (त्मना) आत्मना (यज्ञेयज्ञे) सङ्गन्तव्ये व्यवहारे (नः) अस्मान् (उत्) (अव) उत्कृष्टतया रक्ष ॥९॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। हे मनुष्या ! यूयं परमेश्वरवद्वर्त्तित्वा सर्वेषां कल्याणं कुरुत ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. हे माणसांनो । परमेश्वराप्रमाणे वागून सर्वांचे कल्याण करा. ॥ ९ ॥