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वात॑स्य॒ पत्म॑न्नीळि॒ता दैव्या॒ होता॑रा॒ मनु॑षः। इ॒मं नो॑ य॒ज्ञमा ग॑तम् ॥७॥

English Transliteration

vātasya patmann īḻitā daivyā hotārā manuṣaḥ | imaṁ no yajñam ā gatam ||

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Pad Path

वात॑स्य। पत्म॑न्। ई॒ळि॒ता। दैव्या॑। होता॑रा। मनु॑षः। इ॒मम्। नः॒। य॒ज्ञम्। आ। ग॒त॒म् ॥७॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:5» Mantra:7 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:21» Mantra:2 | Mandal:5» Anuvak:1» Mantra:7


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (ईळिता) प्रशंसित (दैव्या) श्रेष्ठ गुणों में उत्पन्न (होतारा) दाता जनो ! आप दोनों (वातस्य) वायु के (पत्मन्) गिरते हैं जिसमें उस मार्ग में (नः) हम लोगों के (इमम्) इस (यज्ञम्) मिलने योग्य व्यवहार को (मनुषः) और मनुष्यों को (आ, गतम्) प्राप्त होवें ॥७॥
Connotation: - हे स्त्री-पुरुषो ! आप दोनों धर्म्मसम्बन्धी कर्म्म के आचरण से प्रशंसित होकर इस गृहाश्रमव्यवहार को सिद्ध करो ॥७॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे ईळिता दैव्या होतारा ! युवां वातस्य पत्मन्न इमं यज्ञं मनुषश्चाऽऽगतम् ॥७॥

Word-Meaning: - (वातस्य) वायोः (पत्मन्) पतन्ति यस्मिन् मार्गे तस्मिन् (ईळिता) प्रशंसितौ (दैव्या) देवेषु दिव्यगुणेषु भवौ (होतारा) दातारौ (मनुषः) मनुष्यान् (इमम्) (नः) अस्माकम् (यज्ञम्) सङ्गन्तव्यं व्यवहारम् (आ) (गतम्) आगच्छतम् ॥७॥
Connotation: - हे स्त्रीपुरुषौ ! युवां धर्म्यकर्माचरणेन प्रशंसितौ भूत्वेतं गृहाश्रमव्यवहारं साध्नुतम् ॥७॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे स्त्री-पुरुषांनो ! तुम्ही प्रशंसित धर्मकर्म करून गृहस्थाश्रमाचा व्यवहार करा ॥ ७ ॥