Go To Mantra

सु॒पेश॑सं॒ माव॑ सृज॒न्त्यस्तं॒ गवां॑ स॒हस्रै॑ रु॒शमा॑सो अग्ने। ती॒व्रा इन्द्र॑मममन्दुः सु॒तासो॒ऽक्तोर्व्यु॑ष्टौ॒ परि॑तक्म्यायाः ॥१३॥

English Transliteration

supeśasam māva sṛjanty astaṁ gavāṁ sahasrai ruśamāso agne | tīvrā indram amamanduḥ sutāso ktor vyuṣṭau paritakmyāyāḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

सु॒ऽपेश॑सम्। मा॒। अव॑। सृ॒ज॒न्ति॒। अस्त॑म्। गवा॑म्। स॒हस्रैः॑। रु॒शमा॑सः। अ॒ग्ने॒। ती॒व्राः। इन्द्र॑म्। अ॒म॒म॒न्दुः। सु॒तासः॑। अ॒क्तोः। विऽउ॑ष्टौ। परि॑ऽतक्म्यायाः ॥१३॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:30» Mantra:13 | Ashtak:4» Adhyay:1» Varga:28» Mantra:3 | Mandal:5» Anuvak:2» Mantra:13


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (अग्ने) अग्नि के सदृश वर्त्तमान राजन् ! जो (गवाम्) किरणों के (सहस्रैः) सहस्रों समूहों से (रुशमासः) हिंसकों के नाश करनेवाले (तीव्राः) तीक्ष्ण स्वभावयुक्त जो (सुतासः) विद्या आदि उत्तम गुणों से उत्पन्न हुए (परितक्म्यायाः) सब प्रकार हंसते हैं, जिन कर्म्मों से उनमें हुई (अक्तोः) रात्रि की (व्युष्टौ) प्रभातवेला में (सुपेशसम्) अत्यन्त सुन्दर रूपवाले (मा) मुझे को (अस्तम्) गृह के सदृश (अव, सृजन्ति) उत्पन्न करते हैं और (इन्द्रम्) सूर्य्य के सदृश तेजस्वी राजा को (अममन्दुः) आनन्दित करें, उनको आप जान के यथावत् सेवा करो ॥१३॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! जो बिजुली और सूर्यरूप अग्नि युक्तिपूर्वक आप लोगों से सेवन किया जाये तो दिन और रात्रि सुखपूर्वक व्यतीत होवे ॥१३॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे अग्ने ! ये गवां सहस्रै रुशमासस्तीव्राः सुतासः परितक्म्याया अक्तोर्व्युष्टौ सुपेशसं माऽस्तं गृहमिवाव सृजन्तीन्द्रमममन्दुस्ताँस्त्वं विज्ञाय यथावत् सेवस्व ॥१३॥

Word-Meaning: - (सुपेशसम्) अतीवसुन्दरूपम् (मा) माम् (अव) (सृजन्ति) (अस्तम्) गृहम् (गवाम्) किरणानाम् (सहस्रैः) (रुशमासः) हिंसकहिंसकाः (अग्ने) (तीव्राः) तीक्ष्णस्वभावाः (इन्द्रम्) सूर्यमिव राजानम् (अममन्दुः) आनन्दयेयुः (सुतासः) विद्यादिशुभगुणैर्निष्पन्नाः (अक्तोः) रात्रेः (व्युष्टौ) प्रभातवेलायाम् (परितक्म्यायाः) परितः सर्वतस्तकन्ति हसन्ति यैः कर्म्मभिस्तेषु भवायाः ॥१३॥
Connotation: - हे मनुष्या ! यदि विद्युत्सूर्यरूपोऽग्निर्युक्त्या युष्माभिः सेव्येत तर्ह्यहर्निशं सुखेनैव गच्छेत् ॥१३॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे माणसांनो! जो विद्युत सूर्यरूपी अग्नी तुमच्याकडून युक्तीने ग्रहण केला गेला तर दिवस व रात्री सुखपूर्वक व्यतीत होतात. ॥ १३ ॥