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स होता॒ सेदु॑ दू॒त्यं॑ चिकि॒त्वाँ अ॒न्तरी॑यते। वि॒द्वाँ आ॒रोध॑नं दि॒वः ॥४॥

English Transliteration

sa hotā sed u dūtyaṁ cikitvām̐ antar īyate | vidvām̐ ārodhanaṁ divaḥ ||

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Pad Path

सः। होता॑। सः। इत्। ऊ॒म् इति॑। दू॒त्य॑म्। चि॒कि॒त्वान्। अ॒न्तः। ई॒य॒ते॒। वि॒द्वान्। आ॒ऽरोध॑नम्। दि॒वः॥४॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:8» Mantra:4 | Ashtak:3» Adhyay:5» Varga:8» Mantra:4 | Mandal:4» Anuvak:1» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वान् मनुष्यो ! (सः) वह अग्नि (होता) पदार्थों का भक्षण करनेवाला (सः, उ) वही (अन्तः) मध्य में वर्त्तमान (दूत्यम्) दूतपने वा दूत के कर्म को (ईयते) प्राप्त होता है, वही (दिवः) प्रकाश का (आरोधनम्) सब प्रकार रोकनेवाला है, ऐसा मानते हैं, जिसका (चिकित्वान्) विशेष ज्ञानवान् (विद्वान्) विद्वान् उत्तम प्रकार प्रयोग करता है (इत्) उसी को जान के तुम भी प्रयोग करो ॥४॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! जो सम्पूर्ण पदार्थों के मध्य में वर्त्तमान और दूत के सदृश कार्य्यों को सिद्ध करता है और सूर्य आदि को प्रकाशित करता है, वह अवश्य आप लोगों को जानने योग्य है ॥४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या विद्वांसः ! सोऽग्निर्होता स उ अन्तर्दूत्यमीयते स एव दिव आरोधनमस्तीति जानन्ति यं चिकित्वान् विद्वान् सम्प्रयुङ्क्ते तमिद्यूयमपि विज्ञाय प्रयुङ्ध्वम् ॥४॥

Word-Meaning: - (सः) (होता) अत्ता (सः) (इत्) (उ) (दूत्यम्) दूतस्य भावं कर्म वा (चिकित्वान्) विज्ञानवान् (अन्तः) मध्ये (ईयते) गच्छति (विद्वान्) (आरोधनम्) समन्तान्निरोधकम् (दिवः) प्रकाशस्य ॥४॥
Connotation: - हे मनुष्या ! यः सर्वेषां पदार्थानां मध्ये वर्तमानो दूतवत्कार्य्याणि साध्नोति सूर्यादिकं प्रद्योतयति सोऽवश्यं युष्माभिर्वेदितव्यः ॥४॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो! जो (अग्नी) संपूर्ण पदार्थांमध्ये विद्यमान असून दूताप्रमाणे कार्य सिद्ध करतो व सूर्य इत्यादींना प्रकाशित करतो तो तुम्ही अवश्य जाणण्यायोग्य आहे. ॥ ४ ॥