Go To Mantra

रथं॒ हिर॑ण्यवन्धुर॒मिन्द्र॑वायू स्वध्व॒रम्। आ हि स्थाथो॑ दिवि॒स्पृश॑म् ॥४॥

English Transliteration

rathaṁ hiraṇyavandhuram indravāyū svadhvaram | ā hi sthātho divispṛśam ||

Mantra Audio
Pad Path

रथ॑म्। हिर॑ण्यऽवन्धुरम्। इन्द्र॑वायू॒ इति॑। सु॒ऽअ॒ध्व॒रम् आ। हि। स्थाथः॑। दि॒वि॒ऽस्पृश॑म् ॥४॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:46» Mantra:4 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:22» Mantra:4 | Mandal:4» Anuvak:5» Mantra:4


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्रवायू) वायु और बिजुली के सदृश शीघ्रकारी शिल्पविद्या के अध्यापक और उपदेशक जनो ! आप दोनों (स्वध्वरम्) नहीं नष्ट हुई उत्तम क्रिया जिससे और (हिरण्यवन्धुरम्) सुवर्ण हैं बन्धन जिसमें उस (दिविस्पृशम्) आकाश में चलनेवाले (रथम्) सुन्दर वाहन को (हि) ही (आ, स्थाथः) आ स्थित होओ ॥४॥
Connotation: - हे अध्यापक और उपदेशक जनो ! आप लोग प्रीति से सुवर्ण आदि से जड़े हुए वाहनों की विद्या का मनुष्यों के लिये निरन्तर उपदेश देओ कि जिन वाहनों से ये लोग अन्तरिक्ष आदिकों में जा सकें ॥४॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे इन्द्रवायू ! युवां स्वध्वरं हिरण्यवन्धुरं दिविस्पृशं रथं ह्यास्थाथः ॥४॥

Word-Meaning: - (रथम्) रमणीयं यानम् (हिरण्यवन्धुरम्) हिरण्यानि सुवर्णानि वन्धुराणि बन्धनानि यस्मिंस्तम् (इन्द्रवायू) वायुविद्युद्वच्छीघ्रकारिणौ शिल्पविद्याऽध्यापकोपदेशकौ (स्वध्वरम्) सुष्ठ्वध्वरा अहिंसिता क्रिया यस्मात्तम् (आ) (हि) (स्थाथः) भवथः (दिविस्पृशम्) दिवि स्पृशति येन तम् ॥४॥
Connotation: - हे अध्यापकोपदेशका ! भवन्तः प्रीत्या सुवर्णादिजटितानां यानानां विद्यां मनुष्येभ्यः सततमुपदिशन्तु यैरेतेऽन्तरिक्षादिषु गन्तुं शक्नुयुः ॥४॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे अध्यापक व उपदेशकांनो ! तुम्ही प्रेमाने माणसांसाठी सुवर्ण इत्यादीने अलंकृत केलेल्या वाहनाच्या विद्येचा निरंतर उपदेश करा. त्या यानांनी हे लोक अंतरिक्षात जाऊ शकतील. ॥ ४ ॥