Go To Mantra

उ॒त स्मा॑स्य तन्य॒तोरि॑व॒ द्योर्ऋ॑घाय॒तो अ॑भि॒युजो॑ भयन्ते। य॒दा स॒हस्र॑म॒भि षी॒मयो॑धीद्दु॒र्वर्तुः॑ स्मा भवति भी॒म ऋ॒ञ्जन् ॥८॥

English Transliteration

uta smāsya tanyator iva dyor ṛghāyato abhiyujo bhayante | yadā sahasram abhi ṣīm ayodhīd durvartuḥ smā bhavati bhīma ṛñjan ||

Mantra Audio
Pad Path

उ॒त। स्म॒। अ॒स्य॒। त॒न्य॒तोःऽइ॑व। द्योः। ऋ॒घा॒य॒तः। अ॒भि॒ऽयुजः॑। भ॒य॒न्ते॒। य॒दा। स॒हस्र॑म्। अ॒भि। सी॒म्। अयो॑धीत्। दुः॒ऽर्वर्तुः॑। स्म॒। भ॒व॒ति॒। भी॒मः। ऋ॒ञ्जन् ॥८॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:38» Mantra:8 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:12» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:4» Mantra:8


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (स्म) ही (भीमः) भयंकर (ऋञ्जन्) विजय को प्रसिद्ध करता हुआ (भवति) होता है जो (यदा) जब (सहस्रम्) सङ्ख्यारहित (सीम्) सब प्रकार (अभि, अयोधीत्) युद्ध करता है (अस्य, स्म) इसी (दुर्वर्त्तुः) दुःख से वर्त्तमान (ऋघायतः) हिंसा करते हुए (उत) और (अभियुजः) अभियोग करते हुए के समीप से (द्योः) प्रकाशमान (तन्यतोरिव) बिजुली के सदृश सब लोग (भयन्ते) भय करते हैं, तभी राजा का प्रताप प्रवृत्त होता है ॥८॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है । जो राजा बिजुली के सदृश दुष्टों का नाश करके धार्मिकों का सत्कार करता है, वह एक भी संख्यारहित वीरों के साथ युद्ध करने योग्य होता है और जब वह राजा न्याय से प्रकट दण्ड देनेवाला होवे, तब सब दुष्ट जन डर के छिप जाते हैं ॥८॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यः स्म भीम ऋञ्जन् भवति यो यदा सहस्रं सीमभ्ययोधीदस्य स्य दुर्वर्त्तुर्ऋघायत उताभियुजो द्योस्तन्यतोरिव सर्वे भयन्ते तदैव राजप्रतापः प्रवर्त्तते ॥८॥

Word-Meaning: - (उत) (स्म) (अस्य) (तन्यतोरिव) विद्युत इव (द्योः) प्रकाशमानायाः (ऋघायतः) हिंसतः (अभियुजः) योऽभियुङ्क्ते तस्य (भयन्ते) बिभ्यति (यदा) (सहस्रम्) असङ्ख्यम् (अभि) सर्वतः (सीम्) (अयोधीत्) योधयति (दुर्वर्त्तुः) यो दुःखेन वर्त्तते तस्य (स्म) अत्र निपातस्य चेति दीर्घः। (भवति) (भीमः) बिभेति यस्मात्सः (ऋञ्जन्) विजयं प्रसाध्नुवन् ॥८॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः । यो राजा विद्युद्वद् दुष्टान् हत्वा धार्मिकान् सत्करोति स एकोऽप्यसङ्ख्यैः सह योद्धुमर्हति यदाऽयं राजा न्यायेन प्रकटदण्डः स्यात्तदा सर्वे दुष्टा भीत्वा निलीयन्ते ॥८॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जो राजा विद्युतप्रमाणे दुष्टांचा नाश करून धार्मिकांचा सत्कार करतो तो असंख्य वीरांबरोबर युद्ध करण्यायोग्य असतो. जेव्हा राजा न्यायपूर्वक प्रत्यक्ष दंड देतो तेव्हा दुष्ट लोक भयाने लपून बसतात. ॥ ८ ॥