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द॒भ्रेभि॑श्चि॒च्छशी॑यांसं॒ हंसि॒ व्राध॑न्त॒मोज॑सा। सखि॑भि॒र्ये त्वे सचा॑ ॥३॥

English Transliteration

dabhrebhiś cic chaśīyāṁsaṁ haṁsi vrādhantam ojasā | sakhibhir ye tve sacā ||

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Pad Path

द॒भ्रेभिः॑। चि॒त्। शशी॑यांसम्। हंसि॑। व्राध॑न्तम्। ओज॑सा। सखि॑ऽभिः। ये। त्वे इति॑। सचा॑ ॥३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:32» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:6» Varga:27» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:3» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी राजप्रजाविषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे सेनापति राजन् ! जो आप (दभ्रेभिः) थोड़े वा छोटे (सखिभिः) मित्रों से (चित्) भी (ओजसा) बल से (शशीयांसम्) धर्म्म के उल्लङ्घन करने और (व्राधन्तम्) बहिलिये के सदृश प्रजा के नाश करनेवाले का (हंसि) नाश करते हो और (ये) जो (त्वे) आप में (सचा) सत्य से वर्त्तमान हैं, उनकी रक्षा करते हो तो विजय को कैसे न प्राप्त होते हो ॥३॥
Connotation: - जो धार्मिक थोड़े भी परस्पर मित्र होकर शत्रुओं के साथ युद्ध करें तो बहुत अधर्म्माचारियों को जीतें ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव राजप्रजाविषयमाह ॥

Anvay:

हे सेनेश राजन् ! यदि त्वं दभ्रेभिः सखिभिश्चिदोजसा शशीयांसं व्राधन्तं हंसि ये च त्वे सचा सत्येन वर्त्तन्ते तान् रक्षसि तर्हि विजयं कथन्न प्राप्नोषि ॥३॥

Word-Meaning: - (दभ्रेभिः) अल्पैर्ह्रस्वैर्वा (चित्) अपि (शशीयांसम्) धर्ममुत्प्लवमानम् (हंसि) (व्राधन्तम्) व्याधमिव प्रजाहिंसकम् (ओजसा) बलेन (सखिभिः) सुहृद्भिः (ये) (त्वे) त्वयि (सचा) ॥३॥
Connotation: - यदि धार्मिका अल्पा अपि परस्परं सुहृदो भूत्वा शत्रुभिस्सह युद्धेरँस्तर्हि बहूनप्यधर्माचारिणो विजयेरन् ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जर धार्मिक लोक थोडे असूनही परस्पर मित्र बनले तर शत्रूंबरोबर युद्ध करून अधार्मिकांना जिंकतील. ॥ ३ ॥