ए॒ष वां॑ देवावश्विना कुमा॒रः सा॑हदे॒व्यः। दी॒र्घायु॑रस्तु॒ सोम॑कः ॥९॥
eṣa vāṁ devāv aśvinā kumāraḥ sāhadevyaḥ | dīrghāyur astu somakaḥ ||
ए॒षः। वा॒म्। दे॒वौ॒। अ॒श्वि॒ना॒। कु॒मा॒रः। सा॒ह॒ऽदे॒ऽव्यः। दी॒र्घऽआ॑युः। अ॒स्तु॒। सोम॑कः ॥९॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब अध्यापक और उपदेशक विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथाऽध्यापकोपदेशकविषयमाह ॥
हे देवावश्विना ! युवां यथैव वां साहदेव्यः सोमकः कुमारो दीर्घायुरस्तु तथा प्रयतेथाम् ॥९॥
MATA SAVITA JOSHI
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