Go To Mantra

स॒हावा॑ पृ॒त्सु त॒रणि॒र्नार्वा॑ व्यान॒शी रोद॑सी मे॒हना॑वान्। भगो॒ न का॒रे हव्यो॑ मती॒नां पि॒तेव॒ चारुः॑ सु॒हवो॑ वयो॒धाः॥

English Transliteration

sahāvā pṛtsu taraṇir nārvā vyānaśī rodasī mehanāvān | bhago na kāre havyo matīnām piteva cāruḥ suhavo vayodhāḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

स॒हऽवा॑। पृ॒त्ऽसु। त॒रणिः॑। न। अर्वा॑। वि॒ऽआ॒न॒शी॒ इति॑। रोद॑सी॒ इति॑। मे॒हना॑ऽवान्। भगः॑। न। का॒रे। हव्यः॑। म॒ती॒नाम्। पि॒ताऽइ॑व। चारुः॑। सु॒ऽहवः॑। व॒यः॒ऽधाः॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:49» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:3» Varga:13» Mantra:3 | Mandal:3» Anuvak:4» Mantra:3


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (पृत्सु) स्पर्द्धा करते हुए सङ्ग्रामों में (तरणिः) शीघ्र चलनेवाले (अर्वा) घोड़ों के (न) तुल्य (सहावा) सहनेवाला (रोदसी) अन्तरिक्ष और भूमि के सदृश (मेहनावान्) सेचन बहुत विद्यमान हैं जिसके वह (कारे) करने योग्य व्यवहार में (व्यानशिः) व्याप्त (हव्यः) ग्रहण करने के योग्य (भगः) ऐश्वर्य्य के योग के (न) तुल्य (मतीनाम्) मनन करनेवाले मनुष्यों के (वयोधाः) जीवन को धारण करनेवाला (सुहवः) उत्तम पुकारने की स्तुतियुक्त (चारुः) सुन्दर (पितेव) पिता के सदृश वर्त्तमान है, उसीको आप लोग राजा करिये ॥३॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जो घोड़े के सदृश वेग और बलयुक्त योद्धा सूर्य्य और भूमि के सदृश सबका सुख देने और ऐश्वर्य्य के सदृश कार्य्य की सिद्धि करनेवाला पिता के सदृश सबका पालनकर्त्ता होवे, वही राज्याऽभिषेक करने के योग्य होवे ॥३॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

हे मनुष्या यः पृत्सु तरणिरर्वा न सहावा रोदसी इव मेहनावान् कारे व्यानशिर्हव्यो भगो न मतीनां वयोधाः सुहवश्चारुः पितेव वर्त्तते तमेव यूयं भूपतिं कुरुत ॥३॥

Word-Meaning: - (सहावा) सोढा। अत्राऽन्येषामपीति दीर्घः। (पृत्सु) स्पर्द्धमानेषु सङ्ग्रामेषु (तरणिः) सद्यो गन्ता (न) इव (अर्वा) अश्वः (व्यानशिः) व्याप्तः (रोदसी) द्यावाभूमी (मेहनावान्) मेहनानि सेचनानि बहूनि विद्यन्ते यस्य सः (भगः) ऐश्वर्य्ययोगः (न) इव (कारे) कर्त्तव्ये व्यवहारे (हव्यः) आदातुमर्हः (मतीनाम्) मननशीलानां मनुष्याणाम् (पितेव) यथा जनकः (चारुः) सुन्दरः (सुहवः) शोभनाऽऽह्वानस्तुतिः (वयोधाः) यो वयो जीवनं दधाति सः ॥३॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारौ। योऽश्ववद्वेगवान् बलिष्ठो योद्धा सूर्य्यभूमीवत् सर्वेषां सुखद ऐश्वर्य्यवत्कार्य्यसिद्धिकरः पितृवत्सर्वेषां पालको भवेत् स एव राज्याऽभिषेकमर्हेत् ॥३॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जो घोड्याप्रमाणे वेगवान, बलवान योद्धा, सूर्य व भूमीप्रमाणे सर्वांना सुख देणारा, ऐश्वर्याप्रमाणे कार्य सिद्धी करणारा, पित्याप्रमाणे सर्वांचा पालनकर्ता असेल तोच राज्याभिषेक करण्यायोग्य असतो. ॥ ३ ॥