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उ॒रुं ग॑भी॒रं ज॒नुषा॒भ्यु१॒॑ग्रं वि॒श्वव्य॑चसमव॒तं म॑ती॒नाम्। इन्द्रं॒ सोमा॑सः प्र॒दिवि॑ सु॒तासः॑ समु॒द्रं न स्र॒वत॒ आ वि॑शन्ति॥

English Transliteration

uruṁ gabhīraṁ januṣābhy ugraṁ viśvavyacasam avatam matīnām | indraṁ somāsaḥ pradivi sutāsaḥ samudraṁ na sravata ā viśanti ||

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Pad Path

उ॒रुम्। ग॒भी॒रम्। ज॒नुषा॑। अ॒भि। उ॒ग्रम्। वि॒श्वऽव्य॑चसम्। अ॒व॒तम्। म॒ती॒नाम्। इन्द्र॑म्। सोमा॑सः। प्र॒ऽदिवि॑। सु॒तासः॑। स॒मु॒द्रम्। न। स्र॒वतः॑। आ। वि॒श॒न्ति॒॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:46» Mantra:4 | Ashtak:3» Adhyay:3» Varga:10» Mantra:4 | Mandal:3» Anuvak:4» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब विद्वान् के विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - जो लोग (प्रदिवि) उत्तम प्रकाश में (सुतासः) विद्या और विनय से प्रसिद्ध (सोमासः) ऐश्वर्य्यवाले विद्वान् लोग (जनुषा) जन्म से (उरुम्) अनेक प्रकार के गुणों से युक्त (गभीरम्) गूढ़ अभिप्रायवाले (उग्रम्) सबके साथ मिले हुए (विश्वव्यचसम्) सर्वत्र व्यापक (मतीनाम्) मनुष्यों के (अवतम्) रक्षा करनेवाले (इन्द्रम्) बिजुली रूप अग्नि को (स्रवतः) बहती हुई नदियाँ (समुद्रम्) समुद्र को (न) जैसे (अभि, आ, विशन्ति) सब ओर से प्रविष्ट होती हैं, वैसे जो सब ओर से प्रवेश करते अर्थात् उसमें चित्त देते हैं, वे उस ऐश्वर्य्यवाले होते हैं, जो ऐश्वर्य कभी नष्ट नहीं होता है ॥४॥
Connotation: - जो लोग बिजुली सम्बन्धी विद्या को जानकर उसके द्वारा उपकार ग्रहण कर सकते हैं, वे अनेक प्रकार की लक्ष्मियों को प्राप्त होते हैं ॥४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ विद्वद्विषयमाह।

Anvay:

ये प्रदिवि सुतासः सोमासो विद्वांसो जनुषोरुं गभीरमुग्रं विश्वव्यचसं मतीनामवतमिन्द्रं स्रवतः समुद्रं नाभ्याविशन्ति तथैव ये सर्वत्र प्रविशन्ति तेऽक्षयैश्वर्या भवन्ति ॥४॥

Word-Meaning: - (उरुम्) बहुविधगुणम् (गभीरम्) गूढाशयम् (जनुषा) जन्मना (अभि) आभिमुख्ये (उग्रम्) सर्वैः सह समवेतम् (विश्वव्यचसम्) विश्वव्यापकम् (अवतम्) रक्षकम् (मतीनाम्) मनुष्याणाम् (इन्द्रम्) विद्युतम् (सोमासः) ऐश्वर्य्यवन्तः (प्रदिवि) प्रकृष्टप्रकाशे (सुतासः) विद्याविनयाभ्यां निष्पन्नाः (समुद्रम्) (न) इव (स्रवतः) चलन्त्यः सरितः। अत्र वा च्छन्दसीति वर्णलोपो वेतीकाराऽभावे नुमोऽप्यभावः। (आ) (विशन्ति) प्रविशन्ति ॥४॥
Connotation: - ये विद्युद्विद्यां विज्ञायोपकारं ग्रहीतुं शक्नुवन्ति ते समग्राः श्रिय उपलभन्ते ॥४॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे लोक विद्युतसंबंधी विद्या जाणून त्याद्वारे उपकार ग्रहण करू शकतात त्यांना अनेक प्रकारची लक्ष्मी प्राप्त होते. ॥ ४ ॥