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वि॒द्मा हि त्वा॑ धनंज॒यं वाजे॑षु दधृ॒षं क॑वे। अधा॑ ते सु॒म्नमी॑महे॥

English Transliteration

vidmā hi tvā dhanaṁjayaṁ vājeṣu dadhṛṣaṁ kave | adhā te sumnam īmahe ||

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Pad Path

वि॒द्म। हि। त्वा॒। ध॒न॒म्ऽज॒यम्। वाजे॑षु। द॒धृ॒षम्। क॒वे॒। अध॑। ते॒। सु॒म्नम्। ई॒म॒हे॒॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:42» Mantra:6 | Ashtak:3» Adhyay:3» Varga:6» Mantra:1 | Mandal:3» Anuvak:4» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - हे (कवे) विद्वान् पुरुष ! हम लोग (वाजेषु) सङ्ग्रामों में (दधृषम्) प्रचण्ड (धनञ्जयम्) धनों के जीतनेवाले (त्वा) आपको (विद्म) जानें (अध) इसके अनन्तर (हि) जिससे (ते) आपके समीप से (सुम्नम्) सुख की (ईमहे) याचना करते हैं ॥६॥
Connotation: - मनुष्य जिसको सुखों के प्रदानों में योग्य शूरवीर न्यायाधीश जानें, उसी से सुखों की पूर्त्ति करनी चाहिये ॥६॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

हे कवे ! वयं वाजेषु दधृषं धनञ्जयं त्वा विद्म। अध हि ते सुम्नमीमहे ॥६॥

Word-Meaning: - (विद्म) विजानीयाम। अत्र द्व्यचोऽतस्तिङ इति दीर्घः। (हि) यतः (त्वा) त्वाम् (धनञ्जयम्) यो धनं जयति तम् (वाजेषु) सङ्ग्रामेषु (दधृषम्) प्रगल्भम् (कवे) विद्वन् (अध) अथ। अत्र निपातस्य चेति दीर्घः। (ते) तव सकाशात् (सुम्नम्) सुखम् (ईमहे) याच्ञामहे ॥६॥
Connotation: - मनुष्या यं सुखप्रदानेषु योग्यं शूरवीरं न्यायाधीशं विजानीयुस्तस्मादेव सुखाऽलङ्कृतिः कार्य्या ॥६॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Word-Meaning: - N/A
Connotation: - माणसांनी सुख देणाऱ्या योग्य शूरवीर न्यायाधीशाला जाणावे. त्याच्याकडूनच सुखाची पूर्ती करून घ्यावी. ॥ ६ ॥