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नि षी॒मिदत्र॒ गुह्या॒ दधा॑ना उ॒त क्ष॒त्राय॒ रोद॑सी॒ सम॑ञ्जन्। सं मात्रा॑भिर्ममि॒रे ये॒मुरु॒र्वी अ॒न्तर्म॒ही समृ॑ते॒ धाय॑से धुः॥

English Transliteration

ni ṣīm id atra guhyā dadhānā uta kṣatrāya rodasī sam añjan | sam mātrābhir mamire yemur urvī antar mahī samṛte dhāyase dhuḥ ||

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Pad Path

नि। सी॒म्। इत्। अत्र॑। गुह्या॑। दधा॑नाः। उ॒त। क्ष॒त्राय॑। रोद॑सी॒ इति॑। सम्। अ॒ञ्ज॒न्। सम्। मात्रा॑भिः। म॒मि॒रे। ये॒मुः। उ॒र्वी इति॑। अ॒न्तः। म॒ही। समृ॑ते॒ इति॒ सम्ऽऋ॑ते। धाय॑से। धुः॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:38» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:2» Varga:23» Mantra:3 | Mandal:3» Anuvak:3» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब भूमि विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो स्त्रियाँ (अत्र) इस संसार में (गुह्या) गूढ़ विज्ञानों को (दधानाः) धारण किये हुईं (क्षत्राय) राज्य के लिये (रोदसी) भूमि और विद्या के प्रकाश को (सीम्) सब प्रकार (सम्, अञ्जन्) प्रकट करैं (उत) और (मात्राभिः) सूक्ष्म अवयवों से (नि) निरन्तर पदार्थों को (ममिरे) मापें और (उर्वी) बड़ी (मही) पृथ्वी को (समृते) अच्छे प्रकार सत्य व्यवहार में (धायसे) धारण करने को अपने अन्तःकरण के (अन्तः) मध्य में (सम्, येमुः) संयुक्त करैं वे (इत्) ही सुख को (धुः) धारण करैं ॥३॥
Connotation: - जो स्त्रियाँ ब्रह्मचर्य्य से विद्या के विज्ञानों को प्राप्त होकर पृथिवी आदि पदार्थों से उपकार का ग्रहण कर सकैं, वे रानी होने के योग्य होती हैं ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ भूमिविषयमाह।

Anvay:

हे मनुष्या याः स्त्रियोऽत्र गुह्या दधानाः समृते सत्यः क्षत्राय रोदसी सीं समञ्जन्नुत मात्राभिर्निममिरे उर्वी मही समृते धायसेऽन्तः संयेमुस्ता इदेव सुखं धुः ॥३॥

Word-Meaning: - (नि) नितराम् (सीम्) सर्वतः (इत्) एव (अत्र) अस्मिन्संसारे (गुह्या) गूढानि विज्ञानानि (दधानाः) (उत) अपि (क्षत्राय) राज्याय (रोदसी) भूमिविद्याप्रकाशौ (सम्) (अञ्जन्) प्रकटीकुर्य्युः (सम्) (मात्राभिः) सूक्ष्माऽवयवैः (ममिरे) निर्मिमीरन् (येमुः) यच्छेयुः (उर्वी) महती (अन्तः) मध्ये (मही) (समृते) सम्यक् सत्ये व्यवहारे (धायसे) धातुम् (धुः) धरेयुः ॥३॥
Connotation: - याः स्त्रियो ब्रह्मचर्य्येण विद्याविज्ञानानि प्राप्य पृथिव्यादिपदार्थानां सकाशादुपकारं ग्रहीतुं शक्नुयुस्ता राज्ञ्यो भवितुमर्हन्ति ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - ज्या स्त्रिया ब्रह्मचर्यपूर्वक (गूढ) विद्या विज्ञान प्राप्त करून पृथ्वी इत्यादी पदार्थांपासून उपकार ग्रहण करू शकतात त्या राज्ञी बनण्यायोग्य असतात. ॥ ३ ॥