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अग्ने॒ भूरी॑णि॒ तव॑ जातवेदो॒ देव॑ स्वधावो॒ऽमृत॑स्य॒ नाम॑। याश्च॑ मा॒या मा॒यिनां॑ विश्वमिन्व॒ त्वे पू॒र्वीः सं॑द॒धुः पृ॑ष्टबन्धो॥

English Transliteration

agne bhūrīṇi tava jātavedo deva svadhāvo mṛtasya nāma | yāś ca māyā māyināṁ viśvaminva tve pūrvīḥ saṁdadhuḥ pṛṣṭabandho ||

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Pad Path

अग्ने॑। भूरी॑णि। तव॑। जा॒त॒ऽवे॒दः॒। देव॑। स्व॒धा॒ऽवः॒। अ॒मृत॑स्य। नाम॑। याः। च॒। मा॒या। मा॒यिना॑म्। वि॒श्व॒म्ऽइ॒न्व॒। त्वे इति॑। पू॒र्वीः। स॒म्ऽद॒धुः। पृ॒ष्ट॒ब॒न्धो॒ इति॑ पृष्टऽबन्धो॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:20» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:1» Varga:20» Mantra:3 | Mandal:3» Anuvak:2» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - हे (स्वधावः) प्रशंसनीय अमृतरूप अन्नयुक्त (जातवेदः) श्रेष्ठ विज्ञानयुक्त (देव) विद्वान् पुरुष ! (अग्ने) विद्या द्वारा प्रकाशकारक जो (तव) आपके (भूरीणि) बहुत (अमृतस्य) नाशरहित के (नाम) नाम हैं हे (पृष्टबन्धो) मनुष्यों के कर्मानुसार फलदायक (विश्वमिन्व) सम्पूर्ण जगत् में व्यापक (याः) जो (पूर्वीः) प्राचीन प्रजायें (त्वे) आपमें (सन्दधुः) स्थित की गई हैं (मायिनाम्) निकृष्ट बुद्धियुक्त पुरुषों की (माया) बुद्धिनाश हो तो (च) भी अन्य पुरुष विज्ञानयुक्त होवें ॥३॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! आप लोग सम्पूर्ण संसार ईश्वर से व्याप्य अर्थात् पूरित जानो और छली पुरुषों के छल को नाश तथा परमेश्वर के अर्थ सहित सम्पूर्ण नाम जान के अर्थ के अनुकूल भाव से अपने आचरणों को शुद्ध करो ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

हे स्वधावो जातवेदो देवाऽग्ने यानि तव भूरीण्यमृतस्य नाम नामानि सन्ति। हे पृष्टबन्धो विश्वमिन्व याश्च पूर्वीस्त्वे सन्दधुर्मायिनां माया च हन्युस्ते विज्ञानवन्तो जायन्ते ॥३॥

Word-Meaning: - (अग्ने) प्रकाशात्मन् (भूरीणि) बहूनि (तव) (जातवेदः) प्रजातविज्ञान (देव) विद्वन् (स्वधावः) प्रशस्तानि स्वधा अमृतरूपाण्यन्नानि विद्यन्ते यस्य तत्सम्बुद्धौ (अमृतस्य) नाशरहितस्य (नाम) प्रसिद्धानि नामानि (याः) (च) (माया) प्रज्ञा (मायिनाम्) कुत्सिता माया प्रज्ञा विद्यते येषां तेषाम् (विश्वमिन्व) विश्वं सर्वं जगन्मिन्वं व्याप्तं येन तत्सम्बुद्धौ (त्वे) त्वयि (पूर्वीः) पुरातनीः प्रजाः (सन्दधुः) सन्धिताः कुर्य्युः (पृष्टबन्धो) यः पृष्टान् जनानुत्तरेषु बध्नाति तत्सम्बुद्धौ ॥३॥
Connotation: - हे मनुष्या यूयं सर्वं जगत्परमेश्वरेण व्याप्यं मन्यध्वं छलीनां छलं घ्नत परमेश्वरस्यार्थवन्ति सर्वाणि नामानि बुध्वाऽर्थानुकूलतया स्वाचरणानि कुर्वन्तु ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो! संपूर्ण संसारात ईश्वर व्याप्त आहे हे जाणा. छळणाऱ्या पुरुषांच्या छळाचा नाश करून परमेश्वराचे अर्थासहित संपूर्ण नाव जाणून अर्थानुकूल भाव बनवून आपले आचरण शुद्ध करा. ॥ ३ ॥