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गोम॑दू॒ षु ना॑स॒त्याऽश्वा॑वद्यातमश्विना। व॒र्ती रु॑द्रा नृ॒पाय्य॑म्॥

English Transliteration

gomad ū ṣu nāsatyāśvāvad yātam aśvinā | vartī rudrā nṛpāyyam ||

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Pad Path

गोऽम॑त्। ऊँ॒ इति॑। सु। ना॒स॒त्या॒। अश्व॑ऽवत्। या॒त॒म्। अ॒श्वि॒ना॒। व॒र्तिः। रु॒द्रा॒। नृ॒ऽपाय्य॑म्॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:41» Mantra:7 | Ashtak:2» Adhyay:8» Varga:8» Mantra:2 | Mandal:2» Anuvak:4» Mantra:7


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब अग्नि और वायु के गुणों को कहते हैं।

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जैसे (नासत्या) असत्यरहित (रुद्रा) दुष्ट के रुलानेवाले (अश्विना) व्यापनशील अध्यापकोपदेशक (अश्वावत्) घोड़े के तुल्य (उ) वा (गोमत्) बहुत गायें जिसमें विद्यमान उस (नृपाय्यम्) मनुष्यों के माननेवाले (वर्त्तिः) मार्ग को (सुयातम्) अच्छे प्रकार प्राप्त होते हैं, वैसे तुम इनको प्राप्त होओ ॥७॥
Connotation: - मनुष्य यदि वायु और अग्नि के यान से यहाँ-वहाँ जावें, तो परिमित सुख पावें ॥७॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथाग्निवायुगुणानाह।

Anvay:

हे मनुष्या यथा नासत्या रुद्राश्विना अश्वावद्गोमदू नृपाय्यं वर्त्तिः सुयातं प्राप्नुतस्तथा यूयमेतौ प्राप्नुत ॥७॥

Word-Meaning: - (गोमत्) बह्व्यो गावो विद्यते यस्मिँस्तत् (उ) वितर्के (सु) शोभने (नासत्या) असत्यरहितौ (अश्वावत्) अश्वेन तुल्यौ (यातम्) प्राप्नुतः (अश्विना) व्यापनशीलौ (वर्त्तिः) मार्गम् (रुद्रा) दुष्टानां रोदयितारौ (नृपाय्यम्) नृणां पाय्यं मानं नृपाय्यम् ॥७॥
Connotation: - मनुष्या यदि वाय्वग्नियानेन यत्र-तत्र गच्छेयुस्तर्हि परिमितं सुखमाप्नुयुः ॥७॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - भावार्थ -माणसे जर वायू व अग्नीयुक्त यानाने जेथे जेथे जातील तेथे तेथे खूप सुख प्राप्त करतील. ॥ ७ ॥