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सर॑स्वती सा॒धय॑न्ती॒ धियं॑ न॒ इळा॑ दे॒वी भार॑ती वि॒श्वतू॑र्तिः। ति॒स्रो दे॒वीः स्व॒धया॑ ब॒र्हिरेदमच्छि॑द्रं पान्तु शर॒णं नि॒षद्य॑॥

English Transliteration

sarasvatī sādhayantī dhiyaṁ na iḻā devī bhāratī viśvatūrtiḥ | tisro devīḥ svadhayā barhir edam acchidram pāntu śaraṇaṁ niṣadya ||

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Pad Path

सर॑स्वती। सा॒धय॑न्ती। धिय॑म्। नः॒। इळा॑। दे॒वी। भार॑ती। वि॒श्वऽतू॑र्तिः। ति॒स्रः। दे॒वीः। स्व॒धया॑। ब॒र्हिः। आ। इ॒दम्। अच्छि॑द्रम्। पा॒न्तु॒। श॒र॒णम्। नि॒ऽसद्य॑॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:3» Mantra:8 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:23» Mantra:3 | Mandal:2» Anuvak:1» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - जो (साधयन्ती) विद्या और उत्तम शिक्षा से औरों को विद्वान् कराती (सरस्वती) प्रशस्त विज्ञान करानेवाली वाणी सदृश स्त्री (देवी) देदीप्यमान (इळा) स्तुति करने योग्य (विश्वतूर्त्तिः) समस्त संसार को शीघ्रता करानेवाली (भारती) और शुभ गुणों को धारण करनेवाली (तिस्रः) तीन (देवीः) मनोहर देवी (इदम्) इस (अच्छिद्रम्) छिद्ररहित (बर्हिः) अन्तरिक्ष को (निषद्य) निरन्तर प्राप्त हो के (स्वधया) अन्न से (नः) हमारी (धियम्) बुद्धि वा कर्म को (आपान्तु) अच्छे प्रकार पालें उनका (शरणम्) आश्रय हम लोगों को करना चाहिये ॥८॥
Connotation: - एक माता दूसरी पढ़ानेवाली और तीसरी उपदेश करनेवाली स्त्री कन्याओं को सदा समीप में सेवनी चाहिये, जिससे बुद्धि और विद्या नित्य बढ़े ॥८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

या साधयन्ती सरस्वती देवीळा विश्वतूर्त्तिर्भारती च तिस्रो देवीरिदमच्छिद्रं बर्हिर्निषद्य स्वधया नो धियमापान्तु तासां शरणमस्माभिर्विधेयम् ॥८॥

Word-Meaning: - (सरस्वती) प्रशस्तविज्ञानकारिका वागिव स्त्री (साधयन्ती) विद्याशिक्षाभ्यामन्यान्विदुषः कारयन्ती (धियम्) प्रज्ञां कर्म वा (नः) अस्माकम् (इळा) स्तोतुमर्हा (देवी) देदीप्यमाना (भारती) शुभान् गुणान् धरन्ती (विश्वतूर्त्तिः) या विश्वं सर्वं जगत् त्वरति (तिस्रः) (देवीः) कमनीया देव्यः (स्वधया) अन्नेन (बर्हिः) अन्तरिक्षम् (आ) समन्तात् (इदम्) (अच्छिद्रम्) छिद्रवर्जितम् (पान्तु) (शरणम्) आश्रयम् (निषद्य) नितरां प्राप्य ॥८॥
Connotation: - एका जननी द्वितीया अध्यापिका तृतीयोपदेशिका स्त्री कन्याभिः सदोपसेवनीया यतो धीविद्ये नित्यं वर्द्धेताम् ॥८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - एक माता, दुसरी अध्यापिका, तिसरी उपदेशिका अशा तीन स्त्रियांचा कन्यांनी नेहमी स्वीकार केला पाहिजे, ज्यामुळे बुद्धी व विद्या नित्य वाढेल. ॥ ८ ॥