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स इ॑धा॒न उ॒षसो॒ राम्या॒ अनु॒ स्व१॒॑र्ण दी॑देदरु॒षेण॑ भा॒नुना॑। होत्रा॑भिर॒ग्निर्मनु॑षः स्वध्व॒रो राजा॑ वि॒शामति॑थि॒श्चारु॑रा॒यवे॑॥

English Transliteration

sa idhāna uṣaso rāmyā anu svar ṇa dīded aruṣeṇa bhānunā | hotrābhir agnir manuṣaḥ svadhvaro rājā viśām atithiś cārur āyave ||

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Pad Path

सः। इ॒धा॒नः। उ॒षसः॑। राम्याः॑। अनु॑। स्वः॑। न। दी॒दे॒त्। अ॒रु॒षेण॑। भा॒नुना॑। होत्रा॑भिः। अ॒ग्निः। मनु॑षः। सु॒ऽअ॒ध्व॒रः। राजा॑। वि॒शाम्। अति॑थिः। चारुः॑। आ॒यवे॑॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:2» Mantra:8 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:21» Mantra:3 | Mandal:2» Anuvak:1» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब विद्वानों के विषय के अन्तर्गत राजविषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - जैसे (इधानः) प्रकाशमान (सः) वह (अग्निः) अग्नि (अरुषेण) उत्तम रूपयुक्त (भानुना) प्रकाश से (होत्राभिः) ग्रहण की हुई क्रियाओं से (उषसः) प्रतिदिन (राम्याः) रात्रियों में (मनुषः) मनुष्यों को (स्वः) सुख के (न) समान (अनु दीदेत्) अनुकूलता से प्रकाशित कराता वैसे (चारुः) सुन्दर (अतिथिः) सत्कार करने के योग्य जिसके ठहरने की अविद्यमान तिथि वह (स्वध्वरः) न विनाशने योग्य (राजा) प्रकाशमान सभापति (आयवे) राजकार्य्य में चलने अर्थात् प्रवृत्त होने के लिये (विशाम्) प्रजाजनों के बीच वर्त्ते ॥८॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमा और वाचकलुप्तोपमालङ्कार हैं। जैसे अहोरात्रों का काटनेवाला सूर्य अपने तेज से सबके अनुकूल प्रकाशित होता है, वैसे राजा सत्य और झूठ कार्य्य करानेवालों के विभाग से प्रजाजनों की पालना करे ॥८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ विद्वद्विषयान्तर्गतराजवर्णनमाह।

Anvay:

यथा इधानः सोऽग्निररुषेण भानुना होत्राभिरुषसो राम्या मनुषः स्वर्णानुदिदेत् तथा चारुरतिथिः स्वध्वरो राजाऽऽयवे विशां मध्ये वर्त्तेत ॥८॥

Word-Meaning: - (सः) (इधानः) प्रकाशमानः (उषसः) (राम्याः) रात्रीः (अनु) (स्वः) सुखम् (न) इव (दीदेत्) प्रकाशयति (अरुषेण) सुरूपेण (भानुना) प्रकाशेन (होत्राभिः) आदत्ताभिः क्रियाभिः (अग्निः) पावकः (मनुषः) मनुष्यान् (स्वध्वरः) हिंसितुमनर्हः (राजा) प्रकाशमानः (विशाम्) प्रजानाम् (अतिथिः) पूजनीयोऽविद्यमानतिथिः (चारुः) सुन्दरः (आयवे) गमनाय ॥८॥
Connotation: - अत्रोपमावाचकलुप्तोपमालङ्कारौ। यथाऽहोरात्रविभागकृत् सूर्यः स्वतेजसा सर्वमनुभाति तथा राजा सत्याऽनृतकारिणां विभागेन प्रजाः पालयेत् ॥८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमा व वाचकलुप्तोपमालंकार आहेत. जसा दिवस व रात्र यांचे विभाग करणारा सूर्य आपल्या तेजाने सर्वांना अनुकूल होईल असा प्रकाश देतो, तसे राजाने सत्य व असत्याला पृथक करून प्रजेचे पालन करावे. ॥ ८ ॥