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वा॒चस्पतिं॑ वि॒श्वक॑र्माणमू॒तये॑ मनो॒जुवं॒ वाजे॑ अ॒द्या हु॑वेम । स नो॒ विश्वा॑नि॒ हव॑नानि जोषद्वि॒श्वश॑म्भू॒रव॑से सा॒धुक॑र्मा ॥

English Transliteration

vācas patiṁ viśvakarmāṇam ūtaye manojuvaṁ vāje adyā huvema | sa no viśvāni havanāni joṣad viśvaśambhūr avase sādhukarmā ||

Pad Path

वा॒चः । पति॑म् । वि॒श्वऽक॑र्माणम् । ऊ॒तये॑ । म॒नः॒ऽजुव॑म् । वाजे॑ । अ॒द्य । हु॒वे॒म॒ । सः । नः॒ । विश्वा॑नि । हव॑नानि । जो॒ष॒त् । वि॒श्वऽश॑म्भूः । अव॑से । सा॒धुऽक॑र्मा ॥ १०.८१.७

Rigveda » Mandal:10» Sukta:81» Mantra:7 | Ashtak:8» Adhyay:3» Varga:16» Mantra:7 | Mandal:10» Anuvak:6» Mantra:7


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अद्य) आज-अब (वाजे) जीवनसंग्राम में (मनोजुवम्) मन के प्रेरक (विश्वकर्माणम्) विश्व के रचनेवाले (वाचस्पतिम्) ज्ञानदाता परमात्मा को (ऊतये) रक्षा के लिए (हुवेम) आमन्त्रित करें-स्मरण करें (सः) वह (विश्वशंभूः) समस्त कल्याण का भावित करनेवाला (साधुकर्मा) यथार्थ कर्मविधायक (नः) हमारे (अवसे) रक्षण के लिए (विश्वानि हवनानि) सब हृदय के भावों को (जोषत्) तृप्त करे-पूरा करे ॥७॥
Connotation: - मानव के जीवनसंग्राम में विश्वरचयिता परमात्मा मन को प्रेरणा देता है, हृदय के भावों को पूरा करता है, उसकी शरण लेनी चाहिए ॥७॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अद्य वाजे) अद्य जीवनसंग्रामे “वाजः संग्रामनाम” [निघ० २।१७] (मनोजुवं विश्वकर्माणं वाचस्पतिम्) मनःप्रेरकं विश्वरचयितारं ज्ञानदातारं परमात्मानम् (ऊतये हुवेम) रक्षायै-आमन्त्रये (सः-विश्व-शंभू: साधुकर्मा) स सर्वकल्याणस्य भावयिता यथार्थ-कर्मविधायकः (नः-अवसे विश्वानि हवनानि जोषत्) अस्माकं रक्षणाय सर्वान् हृद्भावान् प्रीणीयात् सेवां प्राप्नुयात् ॥७॥