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य॒माद॒हं वै॑वस्व॒तात्सु॒बन्धो॒र्मन॒ आभ॑रम् । जी॒वात॑वे॒ न मृ॒त्यवेऽथो॑ अरि॒ष्टता॑तये ॥

English Transliteration

yamād ahaṁ vaivasvatāt subandhor mana ābharam | jīvātave na mṛtyave tho ariṣṭatātaye ||

Pad Path

य॒मात् । अ॒हम् । वै॒व॒स्व॒तात् । सु॒ऽबन्धोः॑ । मनः॑ । आ । अ॒भ॒र॒म् । जी॒वात॑वे । न । मृ॒त्यवे॑ । अथो॒ इति॑ । अ॒रि॒ष्टऽता॑तये ॥ १०.६०.१०

Rigveda » Mandal:10» Sukta:60» Mantra:10 | Ashtak:8» Adhyay:1» Varga:25» Mantra:4 | Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:10


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अहम् वैवस्वतात्-यमात्) मैं चिकित्सक सूर्य के पुत्र मारक काल से (सुबन्धोः-मनः-जीवातवे-आभरम्) सुष्ठु बाँधनेवाले कुमार के मन को जीने के लिए ले आया हूँ (न मृत्यवे) मृत्यु के लिए नहीं अर्थात् मृत्यु के कारण को दूर कर दिया है (अथ-उ) और (अरिष्टतातये) कल्याण के लिए ॥१०॥
Connotation: - योग्य चिकित्सक को चाहिए कि सुकुमार बालक के मन से मृत्यु के भय को दूर करे और उसे आश्वासन दे कि मैंने मृत्यु के कारण को दूर कर दिया है, तुझे जीवनधारण करने के लिए समर्थ बना दिया है ॥१०॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अहं वैवस्वतात्-यमात्) अहं चिकित्सकः सूर्यत उत्पन्नात् मारकात् कालात् (सुबन्धोः मनः-जीवातवे-आभरम्) सुष्ठु बन्धयितुः सुकुमारस्य मनः-जीवनाय-आनयामि (न मृत्यवे) न तु मृत्यवे कारणं भविष्यति (अथ-उ) अथापि (अरिष्टतातये) कल्याणाय ॥१०॥