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यो व॑: सेना॒नीर्म॑ह॒तो ग॒णस्य॒ राजा॒ व्रात॑स्य प्रथ॒मो ब॒भूव॑ । तस्मै॑ कृणोमि॒ न धना॑ रुणध्मि॒ दशा॒हं प्राची॒स्तदृ॒तं व॑दामि ॥

English Transliteration

yo vaḥ senānīr mahato gaṇasya rājā vrātasya prathamo babhūva | tasmai kṛṇomi na dhanā ruṇadhmi daśāham prācīs tad ṛtaṁ vadāmi ||

Pad Path

यः । वः॒ । से॒ना॒ऽनीः । म॒ह॒तः । ग॒णस्य॑ । राजा॑ । व्रात॑स्य । प्र॒थ॒मः । ब॒भूव॑ । तस्मै॑ । कृ॒णो॒मि॒ । न । धना॑ । रु॒ण॒ध्मि॒ । दश॑ । अ॒हम् । प्राचीः॑ । तत् । ऋ॒तम् । व॒दा॒मि॒ ॥ १०.३४.१२

Rigveda » Mandal:10» Sukta:34» Mantra:12 | Ashtak:7» Adhyay:8» Varga:5» Mantra:2 | Mandal:10» Anuvak:3» Mantra:12


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (वः) हे जुआरियों ! तुम्हारे मध्य में (महतः-गणस्य व्रातस्य यः सेनानीः) महान् जुआरी-समूह का जो अग्रणी (प्रथमः-राजा बभूव) प्रमुख प्रसिद्ध पुरुष है, मेरे वचन को सुने (तस्मै धना न रुणध्मि) उस गण के लिये धन नहीं देता हूँ-नहीं खेलूँगा, यह सङ्कल्प हो गया (दश प्राचीः-अहम्-ऋतं वदामि) दश पूर्वादि दिशाओं को लक्ष्यकर सत्य घोषित करता हूँ अथवा दर्शक प्रजाओं को लक्ष्य कर सत्य घोषित करता हूँ ॥१२॥
Connotation: - जब जुआ खेलने से पूर्ण ग्लानि हो जावे, तो जुआरियों के प्रमुख नेता को स्पष्ट कह दे कि मैं अब जुए में धन नहीं लगाऊँगा तथा खुले स्थान में सब दिशाओं की ओर देखते हुए और सब प्रजाओं के सामने अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा कर दे कि अब जुआ नहीं खेलूँगा। इस प्रकार इस दुर्व्यसन से बचने का महान् उपाय है ॥१२॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (वः) हे कितवा द्यूतकारिणः ! युष्माकं मध्ये (महतः-गणस्य व्रातस्य यः सेनानीः प्रथमः राजा बभूव) महतः कितवगणस्य योऽग्रणीः कितव-समूहस्य प्रमुखो राजमानः पुरुषोऽस्ति मे वचनं शृणोतु (तस्मै धना न रुणध्मि) तस्मै युष्माकं गणाय व्राताय वा धनानि न स्थापयामि न क्रीडामि, इति संकल्पो जातः (दश प्राचीः-अहम्-ऋतं वदामि) अहं प्राच्याद्या दश दिशोऽभिलक्ष्य सत्यं घोषयामि यद्वा सम्मुखस्थिताः-दर्शकप्रजा अभिलक्ष्य सत्यं घोषयामि ॥१२॥