Go To Mantra

नरा॒ दंसि॑ष्ठा॒वत्र॑ये॒ शुभ्रा॒ सिषा॑सतं॒ धिय॑: । अथा॒ हि वां॑ दि॒वो न॑रा॒ पुन॒ स्तोमो॒ न वि॒शसे॑ ॥

English Transliteration

narā daṁsiṣṭhāv atraye śubhrā siṣāsataṁ dhiyaḥ | athā hi vāṁ divo narā puna stomo na viśase ||

Pad Path

नरा॑ । दंसि॑ष्ठौ । अत्र॑ये । शुभ्रा॑ । सिसा॑सतम् । धियः॑ । अथ॑ । हि । वा॒म् । दि॒वः । न॒रा॒ । पुन॒रिति॑ । स्तोमः॑ । न । वि॒शसे॑ ॥ १०.१४३.३

Rigveda » Mandal:10» Sukta:143» Mantra:3 | Ashtak:8» Adhyay:8» Varga:1» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:11» Mantra:3


Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (दंसिष्ठौ) अत्यन्त दर्शनीय (शुभ्रा) निर्मल ज्ञानवाले (नरा) मानव को सुमार्ग पर ले जानेवाले-अध्यापक और उपदेशक (अत्रये) भोक्ता जीवात्मा के लिए (धियः) अध्यात्मबुद्धियों तथा अध्यात्मकर्मों को (सिषासतम्) देते हो (अथ-हि) अनन्तर ही (वां नरा) तुम दोनों नेता (दिवः) ज्ञान से द्योतमान हुए मेरा-मुझ ज्ञान से द्योतमान हुए का (स्तोमः) स्तुतिसमूह-प्रशंसाप्रवाह (न) सम्प्रति (पुनः-विशसे) पुनः विशंसन करने को प्राप्त होता है ॥३॥
Connotation: - अत्यन्त दर्शनीय निर्मल ज्ञानवाले अध्यापक और उपदेशक भोक्ता जीवात्मा के लिए अध्यात्मबुद्धियों को उपजाते हैं और अध्यात्मकर्मों का आचरण करवाते हैं, ऐसे तुम लोगों को ज्ञान से द्योतमान परमात्मा के स्तुतिसमूह या प्रशंसाप्रवाह उस परमात्मा की विशेष प्रशंसा करने को प्रवृत्त होता है-प्राप्त होता है ॥३॥
Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (दंसिष्ठौ शुभ्रा नरा) हे अतिदर्शनीयौ निर्मलज्ञानवन्तौ नेतारावध्यापकोपदेशकौ (अत्रये धियः सिषासतम्) भोक्त्रे जीवात्मनेऽध्यात्मबुद्धीरध्यात्मकर्माणि वा प्रयच्छथः (अथ-हि) अनन्तरमेव (वां नरा) युवां नेतारौ (दिवः) ज्ञानेन द्योतमानस्य मम (स्तोमः-न पुनः-विशसे) स्तुतिसमूहः-प्रशंसाप्रवाहः सम्प्रति पुनर्विशास्तुं प्राप्नोति ॥३॥